क्या युद्धाभ्यास के बाद भारत और अमेरिका सैन्य चिकित्सा में साथ आए?

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क्या युद्धाभ्यास के बाद भारत और अमेरिका सैन्य चिकित्सा में साथ आए?

सारांश

भारत और अमेरिका के बीच सैन्य चिकित्सा में सहयोग बढ़ता जा रहा है। भारतीय चिकित्सा सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अमेरिका में मेडिकल सुविधाओं का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाया जा सके। जानिए इस दौरे और पिछले सैन्य अभ्यास के बारे में और क्या मायने रखता है।

Key Takeaways

  • सैन्य चिकित्सा में सहयोग को बढ़ावा देना
  • अमेरिका में चिकित्सा सुविधाओं का अध्ययन
  • द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों की आवश्यकता
  • सैन्य स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना
  • सामरिक साझेदारी को मजबूत करना

नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका, सैन्य संबंधों के विभिन्न पहलुओं में एक-दूसरे के सहयोगी बने हुए हैं। हाल ही में, दोनों देशों की सेनाओं ने एक संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया। अब, भारतीय सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अमेरिकी सशस्त्र बलों की चिकित्सा सुविधाओं का अध्ययन करने अमेरिका पहुँचे हैं।

अमेरिका की यात्रा के दौरान, विशेष रूप से मरीन मेडिसिन और एविएशन मेडिसिन पर चर्चा की गई। मरीन मेडिसिन समुद्र में तैनात नौसैनिकों के लिए होती है, जबकि एविएशन मेडिसिन एयरफोर्स और अंतरिक्ष यात्रियों जैसे विशेषज्ञों के लिए सहायक होती है।

भारतीय सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा का एक प्रतिनिधिमंडल, महानिदेशक और सर्जन वाइस एडमिरल डॉ. आरती सरीन के नेतृत्व में अमेरिका में है।

भारतीय दल अमेरिकी सशस्त्र बलों की चिकित्सा सुविधाओं के अध्ययन दौरे पर होनोलूलू, हवाई में है। इस यात्रा में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी रक्षा चिकित्सा अधिकारियों के साथ सैन्य स्टाफ स्तर की वार्ता की है।

इन वार्ताओं में सैन्य चिकित्सा, मरीन मेडिसिन और एविएशन मेडिसिन के क्षेत्र में अपनाई जा रही श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा किया गया। इसके अलावा, द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों में चिकित्सा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सैन्य चिकित्सा प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया और वहां के अत्याधुनिक चिकित्सा ढांचे, आपातकालीन चिकित्सा देखभाल, और सैनिकों की तैनाती के दौरान चिकित्सा प्रबंधन को गहराई से समझा।

भारतीय टीम ने अपने अनुभवों को साझा किया, जिससे दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में आपसी समझ और विश्वास मजबूत हुआ है। वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग न केवल सैनिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा भी प्रदान करता है।

रक्षा मंत्रालय ने इस दौरे को रक्षा चिकित्सा सहयोग को गहराई और व्यापकता देने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

गौरतलब है कि जहाँ एक ओर भारतीय सैन्य चिकित्सा दल अमेरिका में है, वहीं दूसरी ओर हाल ही में भारत और अमेरिका की सेनाओं ने अलास्का में एक बड़ा सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास 2025’ संपन्न किया है। इस अभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, निगरानी, काउंटर-ड्रोन सिस्टम और अन्य मानव रहित हवाई प्रणालियों का उपयोग किया गया।

इसमें दोनों सेनाओं ने पहाड़ी और उच्च हिमाच्छादित क्षेत्रों में प्रशिक्षण ऑपरेशन भी किए। अमेरिका में आयोजित यह युद्धाभ्यास 14 सितंबर को संपन्न हुआ।

Point of View

भारत और अमेरिका के बीच सैन्य चिकित्सा में सहयोग बढ़ाना न केवल दोनों देशों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा में भी योगदान देगा। यह कदम दर्शाता है कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच सैन्य चिकित्सा सहयोग का महत्व क्या है?
यह सहयोग सैनिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करता है और दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूत बनाता है।
भारतीय सशस्त्र बलों का अमेरिका में क्या अध्ययन चल रहा है?
भारतीय सशस्त्र बलों का प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी सशस्त्र बलों की चिकित्सा सुविधाओं का अध्ययन कर रहा है।
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच कौन सा सैन्य अभ्यास संपन्न हुआ?
हाल ही में 'युद्ध अभ्यास 2025' अलास्का में संपन्न हुआ।