क्या आयुष उद्योग 200 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- आयुष उद्योग 200 अरब डॉलर के लक्ष्य के करीब पहुँच रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय ने स्वतंत्रता प्राप्त की।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में 3 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया।
- स्थानीय वैद्यों को मान्यता देने का सुझाव दिया गया।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश का आयुष उद्योग तेजी से प्रगति कर रहा है और 200 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह जानकारी आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने साझा की।
उन्होंने राजधानी दिल्ली में आयोजित आयुष मंत्रालय की पहली संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयुष को एक स्वतंत्र मंत्रालय का दर्जा प्राप्त हुआ था और अब पहली बार इसके लिए एक विशेष संसदीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है। उनका कहना था कि यह कदम आयुष से संबंधित नीतियों पर गहन चर्चा, बेहतर निर्णय और ठोस दिशा प्रदान करेगा।
जाधव ने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयुष तेजी से विकसित हो रहा है। आज इसके पास अनुसंधान परिषदों, वैधानिक संस्थाओं और राष्ट्रीय संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और राष्ट्रीय आयुष मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष उद्योग तेज रफ्तार से 200 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।”
मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की सफलता का भी उल्लेख किया, जिसका आयोजन इस बार विशाखापत्तनम में हुआ और जिसमें 3 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम के तहत हुआ यह आयोजन वैश्विक स्तर पर योग की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। इसके साथ ही प्रकृति परीक्षण और मोरिंगा-आधारित आहार जैसी पहल अनुसंधान-आधारित स्वास्थ्य सेवा और टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देती हैं।
बैठक में सांसद पुरुषोत्तम रूपाला ने सुझाव दिया कि आयुष मंत्रालय को पोस्टर, बैनर और अन्य माध्यमों से बड़े स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गांव और जिला स्तर पर काम कर रहे स्थानीय वैद्यों को मान्यता और प्रोत्साहन दिया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग आयुष पद्धतियों का लाभ उठा सकें।
अंत में जाधव ने समिति के सदस्यों का सक्रिय सहयोग और महत्वपूर्ण सुझावों के लिए आभार व्यक्त किया।