क्या भारत में शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स को वित्त वर्ष 26 में 1.49 लाख करोड़ रुपए की बुकिंग हासिल हो सकती है?

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क्या भारत में शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स को वित्त वर्ष 26 में 1.49 लाख करोड़ रुपए की बुकिंग हासिल हो सकती है?

सारांश

भारत के शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 44,317 करोड़ की बुकिंग की है। यह कुल लक्ष्य का 30% है। क्या ये डेवलपर्स अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे? जानें इस रिपोर्ट में!

Key Takeaways

  • भारत के शीर्ष 10 डेवलपर्स ने 44,317 करोड़ की बुकिंग की।
  • वित्त वर्ष 26 के लिए 1.49 लाख करोड़ का लक्ष्य।
  • गोदरेज प्रोपर्टीज और डीएलएफ प्रमुख हैं।
  • कर्ज कम करना और नकदी की स्थिति में सुधार।
  • रियल एस्टेट में सकारात्मक बदलाव हो रहा है।

नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 44,317 करोड़ रुपए की कुल बुकिंग हासिल की है, जो कि चालू वित्त वर्ष के लिए उनके लक्ष्य 1,49,108 करोड़ रुपए का 30 प्रतिशत है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

एनारॉक रिसर्च ने कहा, "ये (शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स) वित्त वर्ष 26 में 1.49 लाख करोड़ रुपए से अधिक के अपने बुकिंग लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अग्रसर हैं।"

इससे पहले, शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 25 के लिए 1,20,818 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा था और वर्तमान वित्त वर्ष में इसे 23 प्रतिशत बढ़ाया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में लिस्टेड डेवलपर्स में गोदरेज प्रोपर्टीज सबसे आगे रहा, जिसकी प्री-सेल्स 29,444 करोड़ रुपए थी। इसके बाद, डीएलएफ की सेल्स बुकिंग करीब 21,233 करोड़ रुपए रही।

एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, "डीएलएफ ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने कुल प्री-सेल्स लक्ष्य का लगभग 52 प्रतिशत वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में हासिल कर लिया है।"

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2018 में एनबीएफसी संकट और इसके बाद महामारी के कारण डेवलपर्स को फंडिंग की कमी और बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ा।

कई डेवलपर्स, खासकर बड़े और सूचीबद्ध डेवलपर्स ने कर्ज कम करने, प्री-सेल्स में सुधार, परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण और इक्विटी पूंजी जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया।

इसका परिणाम यह हुआ कि कई शीर्ष डेवलपर्स ने अपने शुद्ध ऋण-से-इक्विटी अनुपात को कम किया है, और कुछ ने तो शुद्ध नकदी स्थिति भी प्राप्त कर ली है।

हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र में लोन-आधारित डेवलपमेंट से बैलेंस-शीट-आधारित डेवलपमेंट की ओर परिवर्तन, इस क्षेत्र के परिचालन मॉडल में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "लगभग शून्य ऋण स्तर, खरीदारों की बेहतर धारणा और अनुकूल मौद्रिक नीति की स्थितियों के साथ, वित्त वर्ष 26 में उद्योग एक स्थिर, विश्वास-आधारित, प्रदर्शन-आधारित चक्र में है, जिसमें दीर्घकालिक संभावनाएं हैं।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में विकास के संकेत दिख रहे हैं। शीर्ष डेवलपर्स का कर्ज कम करना और प्री-सेल्स में सुधार करना इस क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक दिशा है, जो दीर्घकालिक विकास की संभावनाओं को उजागर करता है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत के शीर्ष डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 26 में कितनी बुकिंग की है?
भारत के शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 44,317 करोड़ रुपए की बुकिंग की है।
डीएलएफ का प्री-सेल्स लक्ष्य क्या है?
डीएलएफ का वित्त वर्ष 2026 के लिए प्री-सेल्स लक्ष्य 20,000-22,000 करोड़ रुपए है।
गोदरेज प्रोपर्टीज की प्री-सेल्स कितनी रही?
गोदरेज प्रोपर्टीज की प्री-सेल्स 29,444 करोड़ रुपए रही।
क्या रियल एस्टेट क्षेत्र में कोई सकारात्मक बदलाव हो रहा है?
जी हां, कई डेवलपर्स ने अपने कर्ज को कम किया है और शुद्ध नकदी स्थिति हासिल की है, जो सकारात्मक संकेत है।
क्या मौद्रिक नीति से रियल एस्टेट क्षेत्र प्रभावित हो रहा है?
हां, अनुकूल मौद्रिक नीति रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास में सहायक हो रही है।