क्या भारत में टियर 2 शहरों में चार्जिंग नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत में टियर 2 शहरों में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 4,625 होगी।
- सरकार ने 2,000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
- पीएम ई-ड्राइव योजना का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है।
- फेम-II योजना के तहत 8,932 चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण हो रहा है।
- इस योजना से 5,600 ई-ट्रकों की बिक्री को समर्थन मिलेगा।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के टियर 2 शहरों में कार्यात्मक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या एक अप्रैल, 2025 तक 4,625 हो जाएगी। यह जानकारी सरकार द्वारा साझा की गई है।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के तहत टियर 2 शहरों समेत पूरे भारत में सार्वजनिक स्थानों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए 2,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाने के लिए सरकार ने अक्टूबर 2024 में पीएम ई-ड्राइव स्कीम को शुरू किया था। इस योजना के तहत सरकार चार्जिंग स्टेशनों को बढ़ाने के साथ-साथ ईवी को अपनाने में तेजी लाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी भी दे रही है, जिसके लिए 10,900 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना एक गैर-लाइसेंस गतिविधि है और निजी उद्यमी भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर सकते हैं। ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना मांग आधारित गतिविधि है और इसका कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जा सकता क्योंकि स्थापना ईवी की पहुंच सहित कई कारकों पर निर्भर करती है।"
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने फेम-II योजना के तहत तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) आईओसीएल, बीपीसीएल, और एचपीसीएल द्वारा 8,932 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए 873.50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
सरकार ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में, देश में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 5,151 से बढ़कर 26,000 हो गई है।
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने पीएम ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों (ई-ट्रकों) के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू की, जिसमें अधिकतम प्रोत्साहन राशि प्रति वाहन 9.6 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
इस योजना से देश भर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों की बिक्री को समर्थन मिलने की उम्मीद है।