क्या भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने की कीमतें इस साल के अंत में 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सोने की कीमतें 2025 में 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच सकती हैं।
- भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक संकेतक सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
- ईटीएफ में निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है।
- मौजूदा अस्थिरता के बीच सोने का पोर्टफोलियो में स्थान महत्वपूर्ण है।
- भारत में गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स में वृद्धि हो रही है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति में सोने की कीमतें 2025 की दूसरी छमाही में भी ऊँचे स्तर पर बनी रह सकती हैं। यह जानकारी मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में साझा की गई।
ट्रेडिंग और निवेश प्लेटफार्म वेंचुरा सिक्योरिटीज द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, कॉमेक्स पर सोने की कीमतें 2025 के अंत तक 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुँचने का अनुमान है, जो इस वर्ष 7 अगस्त को दर्ज की गई 3,534.10 डॉलर की रिकॉर्ड ऊँचाई से भी अधिक है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि इस कीमत में उछाल का कारण मजबूत ईटीएफ इनफ्लो, केंद्रीय बैंकों की स्थिर खरीद और भारत के गोल्ड इन्वेस्टमेंट मार्केट में सक्रिय खुदरा निवेशकों की भागीदारी है।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में से 14 वर्षों में सोने ने सकारात्मक वार्षिक रिटर्न प्रदान किया है, जो इस बात को दर्शाता है कि पीली धातु में मूल्य को सुरक्षित रखने की अद्वितीय क्षमता है और यह मुद्रास्फीति से सुरक्षा का एक बेहतरीन साधन है।
वेंचुरा के कमोडिटी प्रमुख, एनएस रामास्वामी ने कहा, "धीमी वैश्विक वृद्धि, नीतिगत अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच पोर्टफोलियो में सोने का रणनीतिक महत्व बढ़ गया है। मुद्रास्फीति के दबाव, अमेरिकी डॉलर में नरमी और अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में अपेक्षित कटौती के चलते, हमें 2025 के शेष समय में सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि की संभावना दिख रही है।"
भारत की गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स 30 जून, 2025 तक सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 66.68 टन हो गई, जबकि एयूएम 88 प्रतिशत बढ़कर 64,777 करोड़ रुपए हो गया। निवेशक खातों की संख्या 41 प्रतिशत बढ़कर 76.54 लाख हो गई।
पिछले तीन वर्षों में, इस पीली धातु ने निफ्टी 50 के 11 प्रतिशत की तुलना में 23 प्रतिशत का औसत वार्षिक रिटर्न दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान अस्थिर बाजार स्थितियों में सोने का पोर्टफोलियो में विविधीकरण प्रदान करने की क्षमता है, जिससे बिकवाली के दौरान पोर्टफोलियो के नुकसान को कम किया जा सकता है।