क्या सीसीपीए ने रैपिडो पर भ्रामक विज्ञापन के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- सीसीपीए ने रैपिडो पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
- रैपिडो का '5 मिनट में ऑटो या 50 रुपये पाएं' ऑफर भ्रामक था।
- उपभोक्ताओं को ऐसे विज्ञापनों से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- भ्रामक विज्ञापनों से उपभोक्ता गुमराह हो सकते हैं।
- कंपनियों को अपने विज्ञापनों में स्पष्टता बनाए रखना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के कारण ऑनलाइन राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म रैपिडो (रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नियामक ने रैपिडो को यह निर्देश भी दिया है कि "5 मिनट में ऑटो या 50 रुपये पाएं" ऑफर का लाभ उठाने वाले सभी उपभोक्ताओं को वादा की गई 50 रुपये की राशि बिना किसी और देरी या शर्त के पूरी वापस की जाए।
सीसीपीए ने यह निर्देश रैपिडो के भ्रामक विज्ञापन का संज्ञान लेते हुए दिया है, जिसमें उपभोक्ताओं को "5 मिनट में ऑटो या 50 रुपये पाएं" ऑफर के तहत "गारंटीड ऑटो" का वादा किया गया था, लेकिन कंपनी ऐसी सर्विस देने में सक्षम नहीं रही।
नियामक ने रैपिडो को तत्काल प्रभाव से भ्रामक विज्ञापन बंद करने का भी निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2023 से मई 2024 के बीच रैपिडो के खिलाफ 575 शिकायतें और जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच 1,224 शिकायतें दर्ज की गईं।
सीसीपीए द्वारा की गई जांच में पाया गया कि रैपिडो के विज्ञापनों में 'नियम व शर्तें' को बेहद छोटे और पढ़े न जा सकने वाले फॉन्ट में प्रदर्शित किया गया था, साथ ही, वादा किया गया 50 रुपये का लाभ वास्तविक मुद्रा में नहीं, बल्कि 'रैपिडो सिक्कों' में दिया जाएगा।
इन सिक्कों को केवल रैपिडो बाइक राइड के बदले भुनाया जा सकता था और इनकी वैधता केवल सात दिन की थी।
वहीं, विज्ञापन में प्रमुखता से दावा किया गया था कि 5 मिनट में ऑटो या 50 रुपये पाएं। इसके उलट नियम और शर्तों में कहा गया था कि गारंटी व्यक्तिगत कप्तानों द्वारा दी जा रही थी, न कि रैपिडो द्वारा।
सीसीपीए ने कहा, "इस विरोधाभासी रुख ने कंपनी से दायित्व हटाने का प्रयास किया, जिससे विज्ञापन में दिए गए आश्वासन के बारे में उपभोक्ता गुमराह हुए।"
इससे यह धारणा भी बनी कि अगर 5 मिनट के अंदर ऑटो उपलब्ध नहीं कराया गया, तो उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से 50 रुपये मिलेंगे।
सीसीपीए ने कहा, "इस स्पष्टता की कमी ने विज्ञापन को भ्रामक बना दिया।"
रैपिडो 120 से ज्यादा शहरों में काम करता है, और भ्रामक विज्ञापन देश भर में कई क्षेत्रीय भाषाओं में लगभग डेढ़ साल (करीब 548 दिन) तक सक्रिय रूप से चलाया गया।
सीसीपीए ने "उपभोक्ताओं से ऐसे विज्ञापनों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया जो बड़े-बड़े वादे करते हैं या शर्तों को स्पष्ट किए बिना 'गारंटीकृत' या 'आश्वासित' जैसे वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।"