क्या डीसीजीआई की मरीजों से अपील है कि वे फार्माकोविजिलेंस को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाएं?

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क्या डीसीजीआई की मरीजों से अपील है कि वे फार्माकोविजिलेंस को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाएं?

सारांश

डीसीजीआई ने हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और मरीजों से फार्माकोविजिलेंस में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। इस विषय पर चर्चा करते हुए, उन्होंने मरीजों की रिपोर्टिंग के महत्व और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Key Takeaways

  • फार्माकोविजिलेंस में मरीजों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
  • डीसीजीआई ने रिपोर्टिंग की अपील की है।
  • प्रतिवर्ष फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मनाया जाता है।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिपोर्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • हेल्थकेयर सिस्टम को सशक्त बनाने के लिए सहयोग की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने बुधवार को कहा कि हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के साथ-साथ मरीजों को भी फार्माकोविजिलेंस में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।

भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पांचवे राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह में उन्होंने इस विषय पर अपने विचार साझा किए और हेल्थकेयर में फार्माकोविजिलेंस की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

नेशनल कोऑर्डिनेशन सेंटर फॉर फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (एनसीसी-पीवीपीआई) के द्वारा राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह की शुरुआत की गई है। यह सप्ताह 17 से 23 सितंबर तक चलेगा, और इसकी थीम है "आपकी सुरक्षा, बस एक क्लिक दूर: पीवीपीआई को रिपोर्ट करें"।

इस सप्ताह का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, नियामकों, शोधकर्ताओं और आम जनता को सरल तरीके से डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए एडवर्स ड्रग रिएक्शन यानी प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) को सक्रिय रूप से रिपोर्ट करने के लिए जागरूक करना है।

रघुवंशी ने कहा, "कार्यक्रम की शुरुआत से, अधिकांश रिपोर्ट हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स द्वारा दी गई हैं, जबकि रोगियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्टिंग में विश्व स्तर पर शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक हैं।"

हालांकि, रघुवंशी ने यह भी कहा कि विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध होने के बावजूद, फार्माकोविजिलेंस को मजबूत करने में इसके उचित उपयोग की कमी है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि "देश में बदलते परिवेश के अनुसार फार्माकोविजिलेंस की विषयवस्तु में बदलाव की आवश्यकता है। अब इसे एक मजबूत आधार मिल चुका है और नीतियों का निर्माण और विनियमन किया जा रहा है।"

रघुवंशी ने कहा, "बेहतर परिणामों के लिए हमें संगठन के भीतर जिज्ञासा की संस्कृति को विकसित करना होगा, न कि आशंका की। इसके लिए तकनीक और नवीन दृष्टिकोण के स्मार्ट इंटीग्रेशन की आवश्यकता है।"

इस अवसर पर, आईपीसी ने कई नई पहलों का भी अनावरण किया, जिनमें पीवीपीआई पर एक लघु फिल्म का शुभारंभ, जन जागरूकता बढ़ाने के लिए कई स्थानीय भाषाओं में प्रकाशित एक फार्माकोविजिलेंस कॉमिक और क्यूआर कोड के माध्यम से आसान पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया एक नया ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म शामिल है।

Point of View

NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

फार्माकोविजिलेंस क्या है?
फार्माकोविजिलेंस दवाओं के सुरक्षा आंकड़ों का अध्ययन करने की प्रक्रिया है ताकि प्रतिकूल प्रभावों की पहचान और मूल्यांकन किया जा सके।
मरीज फार्माकोविजिलेंस में कैसे भाग ले सकते हैं?
मरीज अपनी दवा के प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्टिंग कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।