क्या असम में 6,957 करोड़ रुपए की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- 6,957 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना
- 34 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर
- वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग
- इको-टूरिज्म को बढ़ावा
- रोजगार के नए अवसर
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की प्रशंसा की, जिसने असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से जुड़े वन्यजीव-अनुकूल उपायों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग-715 के कलियाबोर-नुमालीगढ़ खंड के मौजूदा राजमार्ग को 4 लेन तक चौड़ा करने और सुधारने की स्वीकृति दी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा असम में 6,957 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग-715 के कलियाबोर-नुमालीगढ़ खंड के मौजूदा राजमार्ग को चौड़ा करने और एक एलिवेटेड कॉरिडोर के विकास को मंजूरी देने के निर्णय से वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग और तेज यात्रा सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
यह परियोजना इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड में क्रियान्वित की जाएगी, जिसकी कुल लंबाई 85.675 किलोमीटर और पूंजीगत लागत 6,957 करोड़ रुपए होगी। इसमें काजीरंगा में 34 किलोमीटर लंबा महत्वाकांक्षी एलिवेटेड कॉरिडोर भी शामिल है, जो यातायात को सुगम बनाएगा और साथ ही दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले जानवरों की जान भी बचाएगा।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, "असम के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है और भारत के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए एक बड़ी छलांग है। यह परियोजना हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिनका दिल असम के लोगों और हमारे राज्य के गौरव - काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के लिए धड़कता है।"
उन्होंने आगे कहा, "34.45 किलोमीटर लंबा यह विशाल एलिवेटेड कॉरिडोर काजीरंगा और कार्बी अंगलोंग पहाड़ियों के बीच वन्यजीवों के लिए एक स्वतंत्र, सुरक्षित और निर्बाध मार्ग सुनिश्चित करेगा। यह हमारे लोगों के उज्जवल भविष्य का निर्माण करते हुए हमारी प्राकृतिक विरासत की रक्षा करने का एक वादा है।"
परियोजना के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नया कॉरिडोर कनेक्टिविटी में सुधार करेगा।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, "काजीरंगा की सुरक्षा के साथ-साथ, यह राजमार्ग यात्रा के समय को काफी कम करेगा, इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगा, तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के लिए यात्रा को आसान बनाएगा और व्यापार एवं उद्योगों के लिए नए अवसर खोलेगा। 21 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास जाखलाबंधा और बोकाखाट में भीड़भाड़ कम करेंगे, जिससे यात्रा सुगम और सुरक्षित हो जाएगी। यह एक ऐसी सड़क है जो भावनाओं, आकांक्षाओं और समृद्धि को जोड़ेगी।"
इसके अलावा, इस परियोजना से 15.42 लाख व्यक्ति प्रति दिन प्रत्यक्ष रोजगार और 19.19 लाख व्यक्ति प्रति दिन अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जो असम की आर्थिक प्रगति में योगदान देगा।
इस परियोजना का उद्देश्य 34.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाना, 30.22 किलोमीटर मौजूदा सड़क को अपग्रेड करना और 21 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास बनाना है। इससे राजमार्ग पर भीड़भाड़ कम होगी, सड़क सुरक्षा बढ़ेगी और असम के प्रमुख केंद्रों तक निर्बाध संपर्क स्थापित होगा।
यह मार्ग दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच-127, एनएच-129) और एक राज्य राजमार्ग (एसएच-35) को जोड़ेगा, साथ ही तीन रेलवे स्टेशनों (नागांव, जाखलबंधा, विश्वनाथ चरियाली) और तीन हवाई अड्डों (तेजपुर, लीलाबाड़ी, जोरहाट) को भी जोड़ेगा। यह संपर्क पूरे असम में लॉजिस्टिक्स, व्यापार और गतिशीलता को बढ़ावा देगा।