क्या भारत-ईएफटीए ट्रेड समझौते से देश की यूरोप के साथ साझेदारी मजबूत होगी?

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क्या भारत-ईएफटीए ट्रेड समझौते से देश की यूरोप के साथ साझेदारी मजबूत होगी?

सारांश

भारत-ईएफटीए ट्रेड समझौते का उद्देश्य देश में 100 अरब डॉलर का निवेश लाना और दस लाख नई नौकरियों का सृजन करना है। यह समझौता यूरोप में व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करेगा। जानें इस समझौते के पीछे की रणनीतियों और संभावनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • 100 अरब डॉलर का निवेश लाने वाला समझौता।
  • दस लाख नई नौकरियों का सृजन।
  • यूरोप के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध।
  • निवेशकों के लिए पारदर्शी और अनुकूल वातावरण।
  • स्थिरता और निश्चितता का संकेत।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत-ईएफटीए ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (टीईपीए) से देश में 100 अरब डॉलर का निवेश आएगा और दस लाख प्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी, जिससे भारत की यूरोप के साथ व्यापारिक साझेदारी और भी मजबूत होगी। भारत-ईएफटीए ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट एक अक्टूबर से लागू हो गया है।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं। इससे भारत और इन देशों के बीच व्यापार करना अत्यधिक आसान हो जाएगा।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, यह भारत का पहला व्यापार समझौता है जिसमें निवेश प्रतिबद्धता शामिल है, जिससे विभिन्न हितों का संतुलन स्थापित किया जा सकेगा और भागीदारों के बीच निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी।

समझौते के लागू होने के दौरान आयोजित कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि चार ईएफटीए देशों की कुल जनसंख्या मुंबई शहर की जनसंख्या से कम है, फिर भी यह साझेदारी ईएफटीए क्षेत्र की विशालता और क्षमता से प्रेरित है।

गोयल ने समझौते के शुभ समय पर बल देते हुए कहा कि विजयादशमी के साथ नवमी को इसकी शुरुआत समृद्धि, स्पष्टता और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

उन्होंने समझौते द्वारा खोले गए विभिन्न क्षेत्रों में विशाल अवसरों को रेखांकित करते हुए, इसे वैश्विक व्यापार अस्थिरता, अस्पष्टता और व्यवधान के बीच स्थिरता और निश्चितता का प्रतीक बताया।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने भारत की कम लागत के बारे में बताया कि भारत में डेटा की लागत अमेरिका के मुकाबले 3 प्रतिशत और वैश्विक औसत से 10 प्रतिशत से कम है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत में एबीबी और नेस्ले जैसी स्विस कंपनियों की विरासत को याद करते हुए बताया कि भारत ने एक मजबूत बाजार आधार ही नहीं, बल्कि वैश्विक विस्तार का केंद्र भी बन गया है।

उन्होंने कहा कि नेस्ले इंडिया और एबीबी इंडिया जैसी कंपनियों की उच्च मूल्य-से-कमाई अनुपात भारत के भविष्य के विकास में बाजारों की अपार क्षमता और विश्वास को दर्शाता है।

ईएफटीए देशों के व्यवसायों को आमंत्रित करते हुए गोयल ने उन्हें भारत के खुले, पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल वातावरण का आश्वासन दिया, जहां लगभग सभी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है।

गोयल ने कहा कि टीईपीए केवल टैरिफ में कमी या निवेश प्रतिबद्धता के बारे में नहीं है, बल्कि एक स्थिर, पूर्वानुमानित और विश्वसनीय ढांचा स्थापित करने के बारे में है जो निवेशकों का विश्वास बढ़ाए, अनिश्चितता की लागत कम करे और दुनिया को यह संकेत दे कि भारत और ईएफटीए सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Point of View

बल्कि यह वैश्विक व्यापार में स्थिरता और विश्वास को भी बढ़ावा देगा। यह निवेशकों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की आर्थिकी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत-ईएफटीए समझौते के लाभ क्या हैं?
इस समझौते से देश में 100 अरब डॉलर का निवेश आएगा और दस लाख नई नौकरियां बनेंगी।
ईएफटीए में कौन से देश शामिल हैं?
ईएफटीए में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य भारत की यूरोप के साथ व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करना और निवेश को आकर्षित करना है।