क्या भारत की थर्ड पार्टी डेटा सेंटर क्षमता वित्त वर्ष 2028 तक 2,500 मेगावाट तक पहुंचेगी?

Click to start listening
क्या भारत की थर्ड पार्टी डेटा सेंटर क्षमता वित्त वर्ष 2028 तक 2,500 मेगावाट तक पहुंचेगी?

सारांश

भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। क्या आप जानते हैं कि थर्ड पार्टी डेटा सेंटर की क्षमता वित्त वर्ष 2028 तक 2,500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है? जानें इस रिपोर्ट में इसके पीछे के कारण और भविष्य की योजनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत की थर्ड पार्टी डेटा सेंटर क्षमता वित्त वर्ष 2028 तक 2,500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान।
  • मुंबई डेटा सेंटर क्षेत्र में सबसे आगे है।
  • 90,000 करोड़ रुपए का निवेश अगले तीन वर्षों में होने की संभावना।
  • नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ता जा रहा है।
  • ईएसजी नियमों के कारण ग्रीन पावर का हिस्सा बढ़ने की उम्मीद।

नई दिल्ली, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर एक महत्वपूर्ण विस्तार की ओर अग्रसर है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की थर्ड पार्टी डेटा सेंटर (डीसी) क्षमता, जो वित्त वर्ष 2025 में 1,250 मेगावाट थी, वित्त वर्ष 2028 में दोगुनी होकर 2,400-2,500 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।

इस वृद्धि के पीछे अगले तीन वर्षों में लगभग 90,000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "उद्योग के खिलाड़ी अगले 7-10 वर्षों में कुल 3.0-3.5 गीगावाट क्षमता की विकास योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं, जिसमें 2.3-2.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। यह भारत में वर्तमान डिजिटल परिवर्तन में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।"

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुंबई भारतीय डेटा सेंटर क्षेत्र में सबसे आगे है, जो वर्तमान परिचालन क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है और डीसी क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष शहरों में 21वें स्थान पर है।

शहर का रणनीतिक स्थान, विश्वसनीय पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और केबल लैंडिंग स्टेशनों की निकटता इसे डेटा सेंटर ऑपरेटरों के लिए पसंदीदा स्थान बनाती है।

भारत में वर्तमान में 42 गीगावाट की वैश्विक डीसी क्षमता का लगभग 3 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि अमेरिका का योगदान लगभग 50 प्रतिशत है।

आईसीआरए की कॉर्पोरेट रेटिंग की वाइस प्रेसिडेंट अनुपमा रेड्डी ने कहा, "यदि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का 20-वर्षीय कर छूट नीति का हालिया ड्राफ्ट प्रस्ताव लागू होता है, तो यह भारत में डेटा सेंटर की वृद्धि के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।"

एज डेटा सेंटर भी तेजी से प्रचलित हो रहे हैं, खासकर बैंकिंग, हेल्थकेयर, कृषि, और रक्षा जैसे क्षेत्रों में लो लैटेन्सी और हाई-स्पीड की आवश्यकता के कारण।

भारतीय डेटा सेंटर ऑपरेटर नवीकरणीय ऊर्जा पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और वर्तमान में उनकी कुल बिजली की आवश्यकता का 15-20 प्रतिशत ग्रीन पावर से पूरा हो रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, ईएसजी नियमों और बिजली के स्रोतों में विविधता लाने की आवश्यकता के कारण यह हिस्सा वित्त वर्ष 28 तक 30-35 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।

Point of View

आने वाले वर्षों में भारत को एक डिजिटल सुपरपावर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यह न केवल निवेश के लिए दरवाजे खोलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की थर्ड पार्टी डेटा सेंटर क्षमता क्या है?
भारत की थर्ड पार्टी डेटा सेंटर क्षमता वित्त वर्ष 2025 में 1,250 मेगावाट थी, जो वित्त वर्ष 2028 तक 2,400-2,500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।
मुंबई का डेटा सेंटर क्षेत्र में क्या स्थान है?
मुंबई भारतीय डेटा सेंटर क्षेत्र में सबसे आगे है, जो वर्तमान परिचालन क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है।
भारत में डेटा सेंटर के लिए निवेश का अनुमान क्या है?
अगले तीन वर्षों में डेटा सेंटर क्षेत्र में लगभग 90,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
भारत का वैश्विक डीसी क्षमता में योगदान क्या है?
भारत में वर्तमान में 42 गीगावाट की वैश्विक डीसी क्षमता का लगभग 3 प्रतिशत हिस्सा है।
नवीकरणीय ऊर्जा का डेटा सेंटरों में क्या योगदान है?
भारतीय डेटा सेंटर ऑपरेटर वर्तमान में अपनी कुल बिजली की आवश्यकता का 15-20 प्रतिशत ग्रीन पावर से पूरा कर रहे हैं।