क्या नए स्टेम सेल अध्ययनों ने खोए हुए दांतों को रीजेनरेट करने की प्रक्रिया का पता लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- स्टेम सेल लाइनेज की पहचान से दांतों के विकास की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलती है।
- खोए हुए दांतों का पुनर्जनन एक संभावित चिकित्सा समाधान हो सकता है।
- यह अध्ययन दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान कर सकता है।
नई दिल्ली, २ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जापानी शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग स्टेम सेल लाइनेज की पहचान की है जो दांतों की जड़ और एल्वियोलर बोन (दांतों के आस-पास वाली हड्डी) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह नया अध्ययन रीजेनरेटिव डेंटल थेरेपी के क्षेत्र में अत्यधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
टोक्यो के द इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की टीम ने डेवलेपिंग टीथ यानी निकलते हुए दांत में स्टेम कोशिकाओं के प्रभाव को समझने के लिए जेनेटिकली मॉडिफाइड चूहों पर प्रयोग किया। इसमें लाइनेज ट्रेसिंग तकनीक का प्रयोग किया गया।
संस्थान के पीरियोडोंटोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर मिज़ुकी नागाटा ने कहा, "हमारे निष्कर्ष दांतों के जड़ निर्माण के लिए एक यांत्रिक ढांचा प्रदान करते हैं और डेंटल पल्प, पीरियोडोंटल ऊतकों, और हड्डियों के लिए नवोन्मेषी स्टेम-सेल-बेस्ड रीजेनेरेटिव उपचार का मार्ग प्रशस्त करते हैं।"
खोए हुए दांतों और उनके चारों ओर की हड्डियों को पुनर्जीवित करने की क्षमता को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
दशकों से, खोए हुए दांत को बदलने के लिए कोई बाहरी वस्तु, जैसे कि दंत प्रत्यारोपण या डेन्चर का उपयोग होता रहा है। हालांकि, ये उपाय प्राकृतिक दांत की विशेषताओं को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते।
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययनों ने आनुवंशिक रूप से जेनेटिकली मॉडिफाइड चूहों में दांतों की यात्रा को ट्रैक किया। इस प्रकार, शोधकर्ताओं ने एक पूर्व अज्ञात मेसेनकाइमल मूल कोशिका समूह की पहचान की और दो अलग-अलग लाइनेज का पता लगाया: एक जो दांत की जड़ के विकास से दृढ़ता से और दूसरा एल्वियोलर बोन निर्माण से संबंधित है।
पहला लाइनेज एपिथेलियल रूट शीथ के भीतर पैपिला में स्थित कोशिकाओं से उत्पन्न होता है- जो बढ़ते हुए दांत की जड़ के सिरे पर स्थित कोमल ऊतकों का एक समूह होता है। ये कोशिकाएं सीएक्ससीएल12 को अभिव्यक्त करती हैं, जो एक प्रोटीन है और अस्थि मज्जा में अस्थि निर्माण की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कैनोनिकल डब्ल्यूएनटी पाथवे नामक एक केमिकल सिग्नलिंग पाथवे के माध्यम से, शीर्षस्थ पैपिला सीएक्ससीएल12 वाली कोशिकाएं न केवल दांत बनाने वाले ओडोन्टोब्लास्ट में, बल्कि बढ़ते हुए दांत की जड़ पर सीमेंटम बनाने वाले सीमेंटोब्लास्ट में और पुनर्योजी (रीजेनरेटिव) परिस्थितियों में एल्वियोलर बोन बनाने वाले ऑस्टियोब्लास्ट में भी बंट सकती हैं।
दूसरा लाइनेज डेंटल फोलिकल पर केंद्रित होता है, जो एक थैली जैसी संरचना है और बढ़ते दांतों को ढंकते हुए आसपास के स्थिर ऊतकों के निर्माण में योगदान देती है। टीम ने पाया कि पैराथाइरॉइड हार्मोन-संबंधित प्रोटीन (पीटीएचआरपी) कोशिकाएं सीमेंटोब्लास्ट, लिगामेंट फाइब्रोब्लास्ट और एल्वियोलर बोन-फॉर्मिंग ऑस्टियोब्लास्ट में बंट सकती हैं।
टीम ने कहा कि ये निष्कर्ष मिलकर इस बात की समझ को आगे बढ़ाते हैं कि दांत और एल्वियोलर अस्थि वीवो में कैसे विकसित होते हैं। इसके साथ ही ये उनके जटिल विकास तंत्र को लेकर भी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराते हैं।