क्या अगस्त में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 20 अरब के पार हुआ?

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क्या अगस्त में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 20 अरब के पार हुआ?

सारांश

अगस्त में यूपीआई लेनदेन ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जानिए कैसे यूपीआई ने पहली बार 20 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार किया और इसका अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • अगस्त में 20 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार करना यूपीआई की ऐतिहासिक उपलब्धि है।
  • 24.85 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन मूल्य से वृद्धि दर्शाता है।
  • यूपीआई का औसत दैनिक लेनदेन 64.5 करोड़ तक पहुंच गया है।
  • डिजिटल भुगतान में पीयर-टू-मर्चेंट लेनदेन की हिस्सेदारी बढ़ रही है।
  • यूपीआई की मासिक औसत लेनदेन 24,554 अरब रुपए है।

नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) । भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने अगस्त में अपने इतिहास में पहली बार 20 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया।

अगस्त में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या 20.01 अरब के आंकड़े तक पहुंच गई, जो पिछले महीने जुलाई के आंकड़े 19.47 अरब की तुलना में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वार्षिक आधार पर, यह 34 प्रतिशत की वृद्धि है।

मूल्य के संदर्भ में, यूपीआई ने अगस्त के दौरान 24.85 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन दर्ज किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।

इसके अलावा, एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, औसत दैनिक लेनदेन संख्या बढ़कर 64.5 करोड़ हो गई, जो कि जुलाई में 62.8 करोड़ दर्ज की गई थी। हालांकि, अगस्त में औसत दैनिक लेनदेन मूल्य 80,177 करोड़ रुपए रहा, जो कि जुलाई में 80,919 करोड़ रुपए था।

यूपीआई ने इससे पहले 2 अगस्त को एक ही दिन में 70 करोड़ से ज्यादा लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया था।

यह उपलब्धि पिछले कुछ महीनों में लगातार हुई वृद्धि के बाद हासिल हुई है। अगस्त में यह उछाल रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के बावजूद देखने को मिला।

जून में, यूपीआई से 24.04 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 18.40 अरब लेनदेन हुए। अगले महीने, इसमें 5.8 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई और यह 19.47 अरब लेनदेन तक पहुंच गया, जिससे लेनदेन का मूल्य 25.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

एसबीआई रिसर्च के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, अकेले जुलाई में 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र डिजिटल भुगतान में लगातार अग्रणी रहा, उसके बाद 5.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक और 5.3 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश का स्थान रहा।

रिपोर्ट में कहा गया है, "कुल मूल्य लेन-देन में पीयर-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की हिस्सेदारी जून 2020 में मात्र 13 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2025 में 29 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि के दौरान, मात्रा में हिस्सेदारी 39 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गई है, जो डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।"

यूपीआई के नेतृत्व में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहे हैं, जो कैश इन सर्कुलेशन (सीआईसी) की संख्या से कहीं अधिक है। मासिक औसत यूपीआई लेनदेन 24,554 अरब रुपए है, जबकि अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान सीआईसी की मासिक औसत वृद्धि 193 अरब रुपए है।

लगभग 300 प्रमुख व्यापारी श्रेणी कोड हैं और एनपीसीआई ने केवल 29 प्रमुख एमसीसी के साथ शुरुआत की है।

Point of View

बल्कि यह भी इंगित करता है कि भारत में डिजिटल भुगतान की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है। इसे देखते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इस दिशा में और अधिक प्रयास करें।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

यूपीआई लेनदेन क्या है?
यूपीआई या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को मोबाइल एप के माध्यम से त्वरित और सुरक्षित लेनदेन करने की अनुमति देती है।
अगस्त में यूपीआई लेनदेन की वृद्धि का क्या कारण है?
अगस्त में यूपीआई लेनदेन की वृद्धि का मुख्य कारण डिजिटल भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता और रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध है।
क्या यूपीआई विश्व स्तर पर लोकप्रिय है?
हां, यूपीआई भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक अग्रणी तकनीक है और इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।