क्या केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा ने 56 वर्षीय महिला की जान ली? एक महीने में मृतकों की संख्या 5

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क्या केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा ने 56 वर्षीय महिला की जान ली? एक महीने में मृतकों की संख्या 5

सारांश

केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा के कारण एक महीने में पांच मौतें हो चुकी हैं। पिछले हफ्ते मलप्पुरम की एक महिला की जान गई। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए निवारक उपाय तेज किए हैं। क्या आप जानते हैं कि यह संक्रमण कैसे फैलता है?

Key Takeaways

  • दिमाग खाने वाला अमीबा घातक संक्रमण है।
  • इससे पिछले महीने में पाँच मौतें हुई हैं।
  • स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपाय किए हैं।
  • जल शोधन अभियान शुरू किया गया है।
  • लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

कोझिकोड (केरल), 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मलप्पुरम जिले की एक 56 वर्षीय महिला की प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक घातक मस्तिष्क संक्रमण से मृत्यु हो गई है। यह जानकारी सोमवार को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पुष्टि की गई।

महिला की मृत्यु के साथ ही, दिमाग खाने वाले अमीबा के संक्रमण से मरने वालों की संख्या एक महीने में पाँच हो गई है, जिससे राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जान गंवाने वाली महिला का नाम एम. शोभना है, जो वंडूर की निवासी हैं। वह पिछले गुरुवार (4 सितंबर) को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल (केएमसीएच) में भर्ती हुई थीं और तब से उनकी हालत गंभीर थी।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि महिला में संक्रमण के लक्षण स्पष्ट थे। गहन चिकित्सीय सुविधा के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

अभी हाल ही में, वायनाड जिले के 45 वर्षीय रथेश, जो एक हफ्ते से अधिक समय से केएमसीएच में इलाज करवा रहे थे, मस्तिष्क संक्रमण के कारण जीवन खो बैठे।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी ने पिछले महीने में पाँच लोगों की जान ले ली है, जिनमें एक तीन महीने का शिशु और कोझिकोड के थमारस्सेरी की नौ वर्षीय बच्ची भी शामिल हैं।

कोझिकोड, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में इस संक्रमण का प्रकोप अधिक है। इस साल अब तक कुल 42 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं।

संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, केरल स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपायों को तेज करने के लिए राज्य लोक स्वास्थ्य अधिनियम लागू किया है।

स्वास्थ्य विभाग ने राज्यव्यापी जल शोधन अभियान शुरू किया है और स्थानीय निकायों को कुओं, पानी की टंकियों और अन्य सार्वजनिक जल निकायों को साफ करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में स्थिर जल स्रोतों में तैरने पर प्रतिबंध भी लगाया गया है।

केरल के विशेषकर उत्तरी भाग में संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए, स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक सार्वजनिक सलाह जारी की है, जिसमें कहा गया है कि शीघ्र डाग्नोसिस आवश्यक है। बुखार, तेज सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।

अमीबिक एन्सेफलाइटिस एक घातक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संक्रमण है जो मीठे पानी की झीलों और नदियों में पाई जाने वाली नेगलेरिया फाउलेरी नामक मुक्त-जीवित अमीबा के कारण होता है। यह तैराकी, स्नान या नाक धोने के दौरान नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है और तेजी से मस्तिष्क तक पहुंच सकता है, जहां यह प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस का कारण बनता है।

Point of View

केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों को स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए। संक्रमण की बढ़ती संख्या चिंताजनक है और निवारक उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करना आवश्यक है। इस प्रकार के संक्रमण से निपटने के लिए जन जागरूकता भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
08/09/2025