क्या एआई टूल 'इकोनेक्स्ट' कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सटीक है?

सारांश
Key Takeaways
- इकोनेक्स्ट टूल दिल की बीमारियों का सटीक पता लगाने में सक्षम है।
- यह कम लागत में कार्य करता है और ईसीजी डेटा का उपयोग करता है।
- शोध में 230,000 मरीजों के डेटा का उपयोग किया गया।
- यह कार्डियोलॉजिस्ट से अधिक सटीक है।
- यह महंगे अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता को कम करता है।
नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल विकसित किया है, जो कम लागत में मिलने वाले इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) डेटा का उपयोग करता है। इस टूल की विशेषता यह है कि यह छिपी हुई दिल की बीमारियों को पहचानने में कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सटीक साबित हो सकता है।
दिल से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं, जैसे दिल के वॉल्व की समस्या, जन्मजात दिल की बीमारी और अन्य ऐसी स्थितियाँ जो दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित करती हैं। इस स्थिति से दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं, लेकिन वे समय पर इसका पता नहीं लगा पाते। इसका मुख्य कारण यह है कि उनके पास सही और किफायती जांच के विकल्प नहीं होते।
इस समस्या का समाधान करने के लिए, अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक टीम ने एक विशेष एआई टूल विकसित किया है, जिसका नाम है 'इकोनेक्स्ट'। यह टूल सामान्य ईसीजी की मदद से दिल की छिपी हुई बीमारियों का पता लगा सकता है।
नेचर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में, 'इकोनेक्स्ट' टूल ने कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सटीकता से मरीजों की पहचान की है, साथ ही यह बताता है कि किस मरीज को अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए।
कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन्स में मेडिसिन और बायोमेडिकल इंफॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर पियरे एलियास ने कहा कि हमारे पास कुछ बीमारियों के लिए परीक्षण हैं, जैसे कि आंत की जांच के लिए 'कोलोनोस्कोपी' और स्तन कैंसर की जांच के लिए 'मैमोग्राम', लेकिन दिल की ज्यादातर बीमारियों के लिए ऐसे सस्ते परीक्षण उपलब्ध नहीं हैं।
एलियास ने कहा, "'इकोनेक्स्ट' ईसीजी डेटा का उपयोग करता है ताकि महंगे अल्ट्रासाउंड केवल उन्हीं मरीजों के लिए किए जाएं जिनकी वास्तविक आवश्यकता हो।"
शोधकर्ताओं ने कहा, "'इकोनेक्स्ट' ऐसी बीमारियों का पता लगा सकता है जो डॉक्टर सामान्य ईसीजी देखकर नहीं पहचान पाते। हमें विश्वास है कि ईसीजी और एआई मिलकर जांच का एक नया तरीका स्थापित कर सकते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का सही से पता लगाया जा सके।"
इस शोध में इस टूल को लगभग 2,30,000 मरीजों के 12 लाख से अधिक ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम के डेटा के साथ जोड़ा गया है और इसकी जांच की गई है। इस जांच में 'इकोनेक्स्ट' ने दिल की बनावट से जुड़ी बीमारियों को सटीकता से पहचानने में सफलता हासिल की। इसमें दिल की कमजोर स्थिति, वाल्व की बीमारी और फेफड़ों में उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियां शामिल थीं।
13 कार्डियोलॉजिस्ट की तुलना में 'इकोनेक्स्ट' ने 3,200 ईसीजी परीक्षणों में से 77 प्रतिशत दिल से जुड़ी बीमारियों को बिल्कुल सही तरीके से पहचाना।