क्या संचार साथी ऐप अनिवार्य है? यूजर्स इसे आसानी से डिलीट कर सकते हैं: ज्योतिरादित्य सिंधिया
सारांश
Key Takeaways
- संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं है।
- यूजर्स इसे आसानी से डिलीट कर सकते हैं।
- सरकार का उद्देश्य लोगों की सुरक्षा करना है।
- संचार साथी के माध्यम से 1.75 करोड़ फर्जी कनेक्शन रद्द किए गए हैं।
- यूजर्स की रिपोर्ट के आधार पर 21 लाख कनेक्शन काटे गए हैं।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं है। यूजर्स इसे अपने मोबाइल से आसानी से डिलीट कर सकते हैं या फिर पंजीकरण कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
सिंधिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सरकार का उद्देश्य लोगों की सुरक्षा करना है। संचार की सुविधाओं के बढ़ने के साथ, कुछ लोग इसका उपयोग धोखाधड़ी के लिए कर रहे हैं, और इस संदर्भ में संचार साथी ऐप मददगार सिद्ध हुआ है।
उन्होंने आगे बताया कि इस ऐप के माध्यम से अब तक लगभग 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शनों को रद्द किया गया है। इस प्रक्रिया में 7.5 लाख चोरी के मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को वापस लौटाए गए हैं। इसके साथ ही, 21 लाख मोबाइल कनेक्शनों को उपभोक्ताओं की रिपोर्टिंग के आधार पर काटा गया है।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि संचार साथी का उपयोग पूरी तरह से उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करता है। यूजर चाहें तो इसे पंजीकरण के माध्यम से सक्रिय कर सकते हैं या आवश्यकता न होने पर इसे अपने मोबाइल से हटा भी सकते हैं।
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में दिया गया है जब भारत में निर्मित या आयातित सभी नए मोबाइल हैंडसेटों पर संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने का निर्णय गोपनीयता का उल्लंघन माना जा रहा था।
28 नवंबर को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मोबाइल निर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पहले से इंस्टॉल किया गया संचार साथी ऐप अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए आसानी से सुलभ हो और इसकी कार्यक्षमताएं अक्षम न हों।