क्या 29 जून का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है? दो बड़े टूर्नामेंट का जश्न!

सारांश
Key Takeaways
- 29 जून को भारतीय खेलों में दो ऐतिहासिक जीत हुई।
- साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में प्रमुख खिताब जीता।
- विश्वनाथन आनंद ने चेस में दिग्गज खिलाड़ियों को हराया।
- भारतीय खेलों का भविष्य उज्ज्वल है।
- हमारे खिलाड़ियों का समर्थन करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय खेल जगत में 29 जून का दिन एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन भारत ने दो प्रमुख टूर्नामेंट अपने नाम किए थे। इनमें से एक चेस का था, जबकि दूसरा बैडमिंटन से संबंधित था। रविवार का यह दिन खास बन गया, और इस वर्ष भी 29 जून रविवार को है।
साल 2014 में, भारत की प्रमुख शटलर साइना नेहवाल ने आस्ट्रेलियन सुपर सीरीज का खिताब जीता।
फाइनल में, उन्होंने स्पेन की कैरोलिना मारिन को 21-18, 21-11 से सीधे सेटों में मात दी।
साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार (हरियाणा) में हुआ। उन्होंने 2016 में एक बार फिर इस टाइटल को जीता, जब उन्होंने चीन की सुन यू को 11–21, 21–14, 21–19 से हराया।
साइना ने ओलंपिक 2008, 2012, और 2016 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 2009 में अर्जुन अवॉर्ड, 2016 में पद्म श्री, और 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
इसके पहले, विश्वनाथन आनंद ने भी 29 जून को भारतीय खेल जगत को गौरवान्वित किया। 1997 में, उन्होंने फ्रैंकफर्ट शतरंज क्लासिक में जीत दर्ज की थी।
विश्वनाथन आनंद का जन्म 11 दिसंबर 1969 को मयिलादुथुराई (तमिलनाडु) में हुआ। जब वे केवल छह वर्ष के थे, तब उनकी मां ने उन्हें शतरंज से परिचित कराया।
उन्होंने चेन्नई के डॉन बॉस्को मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और लोयोला कॉलेज से कॉमर्स में डिग्री हासिल की।
29 जून 1997 को, विश्वनाथन आनंद ने फ्रैंकफर्ट शतरंज क्लासिक में गैरी कसपरोव और अनातोली कारपोव को हराकर जीत हासिल की।
उन्होंने जिन दिग्गज खिलाड़ियों को हराया, वे उस समय के सबसे प्रमुख चेस खिलाड़ी थे।
विश्वनाथन आनंद को 1985 में अर्जुन अवॉर्ड और 1988 में पद्म श्री मिला। इसके अलावा, उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है।