क्या अभिनव शॉ ने एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता?

सारांश
Key Takeaways
- अभिनव शॉ ने गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बधाई दी।
- भारत ने 26 पदक जीते, जिनमें 14 स्वर्ण हैं।
- अभिनव का फाइनल प्रदर्शन असाधारण था।
- यह चैंपियनशिप कजाकिस्तान में आयोजित हो रही है।
कोलकाता, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कजाकिस्तान के श्यामकेंट में हो रही 16वीं एशियन शूटिंग चैंपियनशिप के चौथे दिन, अभिनव शॉ ने गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आसनसोल के इस निशानेबाज को बधाई दी है।
ममता बनर्जी ने गुरुवार को ट्वीट किया, "आसनसोल के अभिनव शॉ ने कजाकिस्तान में आयोजित 16वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में जूनियर एयर राइफल श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर बंगाल का नाम रोशन किया। मैं अभिनव को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और स्नेह देती हूं। मैं उनके माता-पिता, परिवार और मित्रों को भी बधाई देती हूं। मैं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।"
गुरुवार को किशोर भारतीय निशानेबाजों ने व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में भारत के पांच स्वर्ण पदकों में से चार पदक जीते। इससे भारत की पदक संख्या बढ़कर 26 हो गई है, जिसमें 14 स्वर्ण, 6 रजत, और 6 कांस्य पदक शामिल हैं। इसी के साथ भारत ने शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल सीनियर स्पर्धा में तीनों निशानेबाजों ने क्वालीफिकेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए एक और टीम स्वर्ण पदक दिलाया। हालांकि, रुद्राक्ष पाटिल और अर्जुन बाबूता इस मौके को व्यक्तिगत पदक में नहीं बदल सके और फाइनल में क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
पाटिल फाइनल तक पदक की दौड़ में बने रहे, लेकिन 24 शॉट के फाइनल में 20वें शॉट के बाद 207.6 के स्कोर के साथ बाहर हो गए। टीम के साथी बाबूता दो शॉट पहले ही 185.8 के स्कोर के साथ बाहर हो गए थे। स्थानीय दावेदार कजाकिस्तान के इस्लाम सतपायेव ने स्वर्ण, चीन के लू डिंगके ने रजत और कोरिया के पार्क हेजुन ने कांस्य पदक जीता।
अभिनव शॉ ने नारायण प्रणव (631.1 के साथ तीसरे) और हिमांशु (630.9 के साथ चौथे) के साथ मिलकर क्वालीफिकेशन में 628.1 का स्कोर बनाया। इस तरह उन्होंने न केवल फाइनल में अपनी जगह पक्की की, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि तीनों का 1890.1 का स्कोर भारत के लिए स्वर्ण पदक के अलावा एशियाई और विश्व जूनियर रिकॉर्ड भी बना।
इसके बाद शॉ ने रोमांचक फाइनल खेला। शॉ शुरुआती पांच शॉट्स की सीरीज के बाद पांचवें स्थान पर थे, लेकिन दूसरी सीरीज के बाद सीधे शीर्ष पर पहुंच गए।
अंतिम चरण में कोरियाई ली ह्यूनसेओ के साथ कड़ा मुकाबला हुआ। शॉ ने 17वें और 18वें शॉट पर दो हाई 9 लगने से बढ़त खो दी, लेकिन अंत में 0.1 अंकों से कोरियाई को पछाड़ दिया। आखिरी छह शॉट्स में उन्होंने 10.4 से नीचे स्कोर नहीं किया। 21वां शॉट, 10.9, पूरे मुकाबले पर सोने पे सुहागा साबित हुआ।