क्या अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ पाकिस्तान की जगह दूसरी टीम की घोषणा करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने पाकिस्तान की जगह दूसरी टीम का चयन करने का निर्णय लिया है।
- पाकिस्तान ने पुरुष जूनियर विश्व कप से नाम वापस ले लिया है।
- यह निर्णय पाकिस्तान हॉकी महासंघ द्वारा सरकार से परामर्श के बाद लिया गया है।
- नई टीम की घोषणा जल्द की जाएगी।
- पाकिस्तान की अनुपस्थिति से प्रतियोगिता की स्थिति पर असर पड़ेगा।
मुंबई, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने जानकारी दी है कि तमिलनाडु में 28 नवंबर से शुरू होने वाले पुरुष जूनियर विश्व कप में पाकिस्तान की अनुपस्थिति के चलते दूसरी टीम का चयन किया जाएगा। पाकिस्तान ने इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया है। पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने अपनी अनुपस्थिति की जानकारी अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ को पहले ही दे दी थी।
राष्ट्र प्रेस को मिली जानकारी के अनुसार, "पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ को सूचित किया है कि उसकी टीम तमिलनाडु में होने वाले हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप 2025 में भाग नहीं लेगी। पाकिस्तान की जगह नई टीम का चयन जल्द किया जाएगा।"
टूर्नामेंट से एक महीने पहले पाकिस्तान के नाम वापस लेने से अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ को असुविधा का सामना करना पड़ा है। उन्होंने चेन्नई और मदुरै में होने वाले इस आयोजन के लिए ड्रॉ में देरी की है, जिससे पाकिस्तान को अपनी सरकार से परामर्श करने का पर्याप्त समय मिला। एफआईएच ने ड्रॉ समारोह लुसाने में अपने मुख्यालय पर आयोजित किया था।
पाकिस्तान के खिलाड़ी चयन में देरी का मतलब है कि ड्रॉ में एक निचली रैंकिंग वाली टीम को शामिल करना होगा, और यह भी कि नई टीम पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) ने अपनी सरकार से परामर्श के बाद अपनी टीम का नाम वापस लेने का निर्णय लिया है। इसकी सूचना एफआईएच को दी गई है, जो हॉकी इंडिया को इस बारे में अवगत कराएगी।
पाकिस्तान को समूह बी में भारत, चिली और स्विट्जरलैंड के साथ रखा गया था। प्रतिस्थापन टीम समूह बी में शामिल होगी और उनकी रैंकिंग के अनुसार स्टैंडबाय टीमों में से चयनित की जाएगी।
इससे पहले राजगीर में हुए पुरुष एशिया कप हॉकी से भी पाकिस्तान ने अपना नाम वापस ले लिया था।
हाल ही में, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिससे पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंधों में खटास आ गई है।