क्या 21 अगस्त को होने वाली वार्षिक आम बैठक में बीएफआई चुनाव होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- बीएफआई चुनाव 21 अगस्त को होंगे।
- अंतरिम समिति ने चुनाव की प्रक्रिया की देखरेख की।
- सदस्य राज्यों को 04 अगस्त तक प्रतिनिधियों के नाम भेजने हैं।
- पिछले चुनाव अदालती विवाद के कारण स्थगित हुए थे।
- निष्पक्ष चुनाव के लिए समिति का गठन किया गया है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के लंबे समय से प्रतीक्षित चुनाव अब 21 अगस्त को आयोजित किए जाने जा रहे हैं। यह जानकारी बीएफआई के दैनिक कार्यों की देखरेख करने वाली अंतरिम समिति ने शुक्रवार को दी।
अंतरिम समिति के अध्यक्ष अजय सिंह द्वारा हस्ताक्षरित परिपत्र के अनुसार, वार्षिक आम बैठक (एजीएम) सुबह 11:00 बजे शुरू होगी। इस बैठक में 2025-2029 के कार्यकाल के लिए कई महत्वपूर्ण पदों के लिए चुनाव होंगे।
सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सोमवार शाम 5:00 बजे तक अपने दो प्रतिनिधियों के नाम प्रस्तुत करने होंगे।
परिपत्र में बताया गया है, "आपको सूचित किया जाता है कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) 21.08.2025 को सुबह 11:00 बजे दिल्ली-एनसीआर में आयोजित की जाएगी। सदस्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के संघों से अनुरोध है कि वे विश्व मुक्केबाजी द्वारा अनुमोदित बीएफआई के संविधान के अनुसार अपने दो प्रतिनिधियों के नाम 04.08.2025 को शाम 5 बजे से पहले बीएफआई के कार्यालय ईमेल पर भेजें।"
कार्यसूची में पिछली एजीएम के कार्यवृत्त की स्वीकृति और अध्यक्ष की स्वीकृति के अधीन अन्य मुद्दों पर चर्चा भी शामिल होगी।
बीएफआई चुनाव, जो पहले 28 मार्च को होने वाले थे, अदालती विवाद के कारण स्थगित कर दिए गए थे। इसके बाद विश्व मुक्केबाजी ने महासंघ के दैनिक कामकाज को संभालने और सभी मुद्दों को हल करने के लिए 7 अप्रैल को अजय सिंह के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय अंतरिम समिति का गठन किया।
समिति का गठन तत्काल प्रभाव से 90 दिनों के लिए किया गया था, लेकिन विश्व मुक्केबाजी की समय सीमा के अनुसार, 31 अगस्त तक चुनाव कराने के नए आदेश के साथ इसका कार्यकाल बढ़ा दिया गया।
इसी बीच, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी 11 जुलाई को आईओए के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव के नेतृत्व में भूपेंद्र सिंह बाजवा और एडवोकेट पायल काकरा के साथ एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसका उद्देश्य बीएफआई चुनाव में हो रही देरी की जांच करना और 'निष्पक्ष और समय पर चुनाव' के लिए एक रोडमैप तैयार करना था।