क्या गौतम गंभीर को कोचिंग के लिए नहीं बुलाया जाएगा? आइसलैंड क्रिकेट ने उड़ाया भारतीय कोच का मजाक
सारांश
Key Takeaways
- गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम का प्रदर्शन गिरा है।
- आइसलैंड क्रिकेट ने गंभीर का मजाक उड़ाया है।
- टीम में संतुलन की कमी है।
- ज्यादा अनुभवी खिलाड़ियों की कमी महसूस की जा रही है।
- गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद से टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम के प्रदर्शन में निरंतर गिरावट आई है। इस कारण गंभीर को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। क्रिकेट के क्षेत्र में सामान्य स्थान रखने वाले आइसलैंड क्रिकेट ने भी गंभीर का मजाक उड़ाया है।
आइसलैंड क्रिकेट ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमारे सभी फैंस के लिए, नहीं, गौतम गंभीर को हमारी नई नेशनल टीम का कोच बनने के लिए नहीं बुलाया जाएगा। वह जगह पहले से ही भरी हुई है और हमने 2025 में अपने 75 प्रतिशत मैच जीते हैं।"
आइसलैंड क्रिकेट की इस पोस्ट से स्पष्ट है कि वह गंभीर पर तंज कसते हुए उनका मजाक उड़ा रहा है।
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम ने भारी बदलाव का सामना किया है, विशेषकर टेस्ट फॉर्मेट में। टेस्ट में भारतीय टीम में विशेषज्ञ खिलाड़ियों की जगह कम अनुभवी और T20 की बैकग्राउंड वाले खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है। किसी भी खिलाड़ी का बल्लेबाजी क्रम निश्चित नहीं है। यहां तक कि प्लेइंग इलेवन में कई खिलाड़ियों को लगातार अंदर-बाहर होना पड़ रहा है। पिच को लेकर भी गंभीर और उनकी कोचिंग टीम अस्थिरता का सामना कर रही है। इसका प्रभाव प्रदर्शन और परिणाम पर पड़ रहा है।
गंभीर के हेड कोच बनने के बाद भारत को अपने घर में टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है। गंभीर की कोचिंग में भारत ने अपने घर में बांग्लादेश और वेस्टइंडीज को टेस्ट सीरीज में हराया है, जबकि न्यूजीलैंड से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट में भारतीय टीम हार चुकी है। दूसरे टेस्ट में भी हार का खतरा है। वहीं विदेश में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हारने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ भी हार का सामना करना पड़ा था।
टीम में संतुलन की कमी और देश-विदेश में लगातार हार के कारण सबसे अधिक आलोचना गौतम गंभीर की हो रही है। उनकी कोचिंग पर सवाल उठ रहे हैं। इसका मुख्य कारण टीम से जुड़े हर निर्णय में उनका दखल है। आइसलैंड क्रिकेट भी उनकी आलोचना में शामिल हो गया है।