क्या जयदेव उनादकट घरेलू क्रिकेट के 'हीरो' हैं जिन्होंने सौराष्ट्र को दो बार रणजी खिताब दिलाया?

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क्या जयदेव उनादकट घरेलू क्रिकेट के 'हीरो' हैं जिन्होंने सौराष्ट्र को दो बार रणजी खिताब दिलाया?

सारांश

जयदेव उनादकट, एक बाएं हाथ का तेज गेंदबाज, घरेलू क्रिकेट में अपनी यॉर्कर और बाउंसर से सबको प्रभावित करते हैं। उन्होंने सौराष्ट्र को दो बार रणजी खिताब दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानिए उनके करियर और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • जयदेव उनादकट की गेंदबाजी शैली बेहद प्रभावी है।
  • वह आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ चुके हैं।
  • उनकी कप्तानी में सौराष्ट्र ने दो बार रणजी खिताब जीते हैं।
  • उन्होंने अंडर-19 विश्व कप में भी शानदार प्रदर्शन किया।
  • उनका करियर संघर्ष और सफलता की कहानी है।

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट अपनी गेंद को स्विंग कराने की बेहतरीन क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी यॉर्कर और बाउंसर से विपक्षी बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया है। घरेलू क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन के साथ ही आईपीएल में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी गति और सटीकता से उन्होंने नाम कमाया है।

सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दो बार खिताब जीते हैं, और दोनों बार यह सफलता जयदेव उनादकट की कप्तानी में हासिल की गई।

18 अक्टूबर 1991 को पोरबंदर में जन्मे इस तेज गेंदबाज के लिए वर्ष 2010 बहुत खास रहा था। अंडर-19 विश्व कप में उन्होंने अपनी गेंदबाजी से विपक्षी टीमों को कड़ी चुनौती दी। चार मैचों में 15.42 की औसत से 7 विकेट लेने के बाद, उन्हें 2010 में फर्स्ट क्लास और लिस्ट-ए क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला।

उन्होंने ब्रिटेन दौरे पर वेस्टइंडीज-ए के खिलाफ 13 विकेट लेकर अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत की। उसी वर्ष उन्हें आईपीएल में खेलने का भी अवसर मिला।

जयदेव ने अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित करते हुए भारत की टेस्ट टीम में स्थान पाया, लेकिन अपने पहले टेस्ट में कोई विकेट नहीं ले सके, जिसके बाद उन्हें अगले टेस्ट मैच के लिए लगभग 12 साल का इंतजार करना पड़ा।

2012-13 में भारत-ए के न्यूजीलैंड दौरे पर उन्होंने 15.77 की औसत से 9 विकेट लिए।

उनके लगातार शानदार प्रदर्शन के कारण, जुलाई 2013 में उन्हें भारत के जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुना गया, जहां उन्होंने 17.38 की औसत के साथ 8 विकेट लिए।

हालांकि, 2014 में स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण उन्हें एक साल तक मैदान से बाहर रहना पड़ा, लेकिन 2015-16 के रणजी ट्रॉफी सीजन में वापसी करते हुए उन्होंने 40 विकेट लिए। असम के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने 11 विकेट लेकर सौराष्ट्र को जीत दिलाई।

कुछ समय बाद, उन्हें आईपीएल की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने फिर से खरीदा।

2019-20 सीजन में, जयदेव उनादकट ने सौराष्ट्र को उनका पहला रणजी खिताब जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने 10 मैचों में 67 विकेट लिए। 2022-23 में, वह फिर से टीम के मुख्य आकर्षण रहे, और फाइनल में बंगाल के खिलाफ 9 विकेट लेकर सौराष्ट्र को 9 विकेट से जीत दिलाई।

2010 में आईपीएल करियर की शुरुआत करने वाले जयदेव उनादकट 8 फ्रेंचाइजी का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के लिए खेलते हुए 12 मैचों में 24 विकेट लेकर टीम को फाइनल तक पहुंचाया। 2018 में, उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 11.5 करोड़ रुपये में खरीदा।

उनके आईपीएल करियर में 112 मुकाबलों में 30.58 की औसत से 110 विकेट हासिल किए हैं। इस दौरान, उन्होंने दो बार पारी में 5 या उससे अधिक विकेट निकाले हैं।

जयदेव उनादकट ने 130 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 22.92 की औसत से 463 विकेट लिए हैं, जबकि लिस्ट-ए करियर में भी उन्होंने इतने ही मैच खेले हैं, जिसमें 185 विकेट निकाले।

घरेलू क्रिकेट में अपने जलवे बिखेरने के बावजूद, उन्हें भारतीय सीनियर टीम में ज्यादा मौके नहीं मिले हैं। उन्होंने 4 टेस्ट में 3 विकेट और 8 वनडे में 9 विकेट लिए हैं, जबकि भारत के लिए 10 टी20 मैच खेलकर 14 विकेट लिए हैं।

Point of View

NationPress
17/10/2025

Frequently Asked Questions

जयदेव उनादकट ने कब अपना आईपीएल करियर शुरू किया?
जयदेव उनादकट ने 2010 में आईपीएल करियर की शुरुआत की।
उनादकट ने सौराष्ट्र को कब-कब रणजी खिताब दिलाया?
जयदेव उनादकट ने सौराष्ट्र को 2019-20 और 2022-23 में रणजी खिताब दिलाया।
उनादकट का सर्वश्रेष्ठ आईपीएल प्रदर्शन क्या है?
उनका सर्वश्रेष्ठ आईपीएल प्रदर्शन 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के लिए 12 मैचों में 24 विकेट लेना था।
क्या जयदेव उनादकट ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी प्रदर्शन किया है?
हाँ, उन्होंने भारत के लिए 4 टेस्ट, 8 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं।