क्या राहुल सांघवी ने मुंबई इंडियंस की सफलता में पर्दे के पीछे से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल सांघवी का जन्म 3 सितंबर 1974 को हुआ।
- उन्होंने 1998 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया।
- सांघवी ने 15 रन देकर 8 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- वह 2008 से मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े हैं।
- उनका कोचिंग में भी महत्वपूर्ण योगदान है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने, लेकिन सभी को ऐसा अवसर नहीं मिलता। कुछ को मौका मिलता है, लेकिन वे लंबे समय तक टीम में अपनी जगह बनाए रखने में सफल नहीं हो पाते। राहुल सांघवी भी ऐसे ही एक नाम हैं।
राहुल सांघवी का जन्म 3 सितंबर 1974 को सूरत, गुजरात में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रखने वाले सांघवी बाएं हाथ के स्पिनर थे। उन्होंने दिल्ली की टीम से घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया। 24 वर्ष की उम्र में, उन्होंने 1998 में वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू किया।
यह वह समय था जब अनिल कुंबले भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण स्पिनर थे। बाएं हाथ के स्पिनर सुनील जोशी और हरभजन सिंह भी टीम का हिस्सा थे, जो अपनी जगह बनाने के लिए प्रयासरत थे। कुंबले और हरभजन की जोड़ी ने लंबे समय तक भारतीय टीम के लिए मैच जीतने वाले प्रदर्शन किए। ऐसे में सांघवी को टीम में स्थान बनाने का अवसर नहीं मिला। उन्हें अपनी क्षमता साबित करने का पर्याप्त मौका नहीं मिल सका। उन्होंने 1998 में 10 वनडे और 2001 में केवल एक टेस्ट खेला, जिसमें उन्होंने टेस्ट में 2 और वनडे में 10 विकेट लिए।
सांघवी ने दिल्ली के अलावा नॉर्थ जोन और रेलवे के लिए भी खेला। 1997-98 में, दिल्ली की तरफ से लिस्ट ए मैच में हिमाचल के खिलाफ उन्होंने 15 रन देकर 8 विकेट लिए, जो लिस्ट ए क्रिकेट में एक विश्व रिकॉर्ड था। 2018-19 में इस रिकॉर्ड को शहबाज नदीम ने तोड़ा।
उनका घरेलू करियर सफल रहा है। उन्होंने 95 प्रथम श्रेणी मैचों में 271 और 68 लिस्ट ए मैचों में 97 विकेट लिए।
संन्यास के बाद, सांघवी ने कोचिंग में कदम रखा और बड़ी सफलता हासिल की। वह 2008 से मुंबई इंडियंस से जुड़े हुए हैं। वह केवल इसी फ्रेंचाइजी के लिए नहीं, बल्कि इसकी अन्य टीमों (जैसे कि एमआई केपटाउन, एमआई एमिरेट्स, एमआई न्यूयॉर्क और महिला टीम) को भी मैनेज करते हैं और खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देते हैं। फ्रेंचाइजी के युवा गेंदबाजों के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पिछले 18 सीज़नों में, उन्होंने आईपीएल और अन्य लीग में मुंबई इंडियंस की सफलता में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।