क्या सितंबर 2023 तक लगभग 12 लाख अफगान नागरिक पाकिस्तान से स्वदेश लौट चुके हैं?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- सितंबर 2023 तक 12 लाख अफगान नागरिक लौट चुके हैं।
- महिलाएं और लड़कियां सहायता प्राप्त करने वालों में प्रमुख हैं।
- अवसर और संसाधनों की कमी से नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है।
- डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाए हैं।
काबुल, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2023 से अब तक लगभग 12 लाख अफगान नागरिक पाकिस्तान से अपने देश लौट चुके हैं। इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जो लोग वापस लौटे हैं, उनमें से कई गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और बिगड़ते मानवीय संकट को रोकने के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
अब तक लौटे करीब 1.56 लाख लोगों को ही मानवीय सहायता प्राप्त हो पाई है, जिनमें से 98,000 ऐसे हैं जिनके पास पाकिस्तान में पंजीकृत शरणार्थी कार्ड थे। रिपोर्ट के अनुसार, इन सहायता प्राप्त करने वालों में लगभग आधे महिलाएं और लड़कियां हैं।
साल 2025 में अब तक 3.15 लाख से अधिक अफगान नागरिक वापस लौट चुके हैं, जिनमें से 51,000 से अधिक लोगों को पाकिस्तान की सरकार ने देश से निकाला है। पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक और सुरक्षा दबावों के कारण वहां रह रहे लगभग 20 लाख अफगान शरणार्थियों का भविष्य संकट में है।
यूएनएचसीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान लौटने वाले अधिकांश लोगों को रहने के लिए घर, रोजगार, और जरूरी सेवाएं जैसे स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने अफगान प्रशासन और वैश्विक समुदाय से तत्काल सहायता की अपील की है, वरना संकट और बढ़ सकता है।
इस महीने की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी थी कि पड़ोसी देशों से निकाले गए अफगानों के बीच संक्रामक बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। इनमें सांस की बीमारी, दस्त, खुजली (स्केबीज) और कोविड-19 जैसे लक्षण तेजी से सामने आ रहे हैं। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन और डायरिया की समस्या अधिक देखी जा रही है।
डब्ल्यूएचओ ने इस समस्या का समाधान करते हुए इस्लाम कला (हेरात प्रांत) और स्पिन बोल्दक बॉर्डर पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के सहयोग से इमरजेंसी हेल्थ स्क्रीनिंग और बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। अब तक इस्लाम कला, तोरखम और स्पिन बोल्दक जैसे प्रमुख बॉर्डर पॉइंट्स पर करीब 29,000 लोगों की स्वास्थ्य जांच या टीकाकरण किया गया है।
इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ की मोबाइल स्वास्थ्य टीमें भी सीमा पर स्थापित रिसेप्शन सेंटर्स और ज़ीरो पॉइंट पर रोजाना सैकड़ों लोगों की जांच कर रही हैं।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            