क्या क्षेत्रीय शांति के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है? पीएम मोदी ने एससीओ बैठक में पहलगाम हमले का जिक्र किया

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क्या क्षेत्रीय शांति के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है? पीएम मोदी ने एससीओ बैठक में पहलगाम हमले का जिक्र किया

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तियानजिन में आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद का दंश झेल रहा है। क्या आतंकवाद को लेकर हमें एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है?

Key Takeaways

  • आतंकवाद मानवता के लिए एक साझा चुनौती है।
  • भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता पर जोर दिया है।
  • सुरक्षा, शांति और स्थिरता विकास के लिए आवश्यक हैं।
  • आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ना नैतिक कर्तव्य है।
  • दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं।

तियानजिन, १ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बताया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद का दंश झेल रहा है और यह हमला मानवता पर हमला है।

शंघाई सहयोग परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है। कोई देश, कोई समाज अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता, इसलिए आतंकवाद से लड़ाई में भारत ने एकजुटता पर बल दिया है। इसमें एससीओ ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।"

उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, "इस वर्ष भारत ने जॉइंट इंफॉर्मेशन ऑपरेशन को लीड करते हुए आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की है। टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। इस पर मेरे समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।"

उन्होंने कहा, "भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है। मैं इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।"

पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और स्पष्ट रुख अपनाना और इसमें किसी भी दोहरे मापदंड को अस्वीकार करना अत्यंत आवश्यक है। आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ना केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मानवता के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य है। यह (पहलगाम) हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती था। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।"

उन्होंने कहा, "सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश की प्रगति और विकास के आधार हैं। लेकिन, आतंकवाद और अलगाववाद जैसे बड़े खतरे इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधा डालते हैं। आतंकवाद न केवल अलग-अलग देशों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह पूरे मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जो न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता को प्रभावित कर रही है। हमें एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के बारे में क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और हमें इसे समाप्त करने के लिए एकजुट होना चाहिए।
पहलगाम हमले का क्या महत्व है?
पहलगाम हमला आतंकवाद का घिनौना चेहरा दर्शाता है और यह मानवता पर एक गंभीर हमला है।