क्या अदाणी ग्रीन एनर्जी ने मेरकॉम इंडिया अवॉर्ड जीता?

सारांश
Key Takeaways
- अदाणी ग्रीन एनर्जी ने मेरकॉम इंडिया अवॉर्ड जीता।
- केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पुरस्कार प्रदान किया।
- खावड़ा प्रोजेक्ट ने 250 मेगावाट क्षमता हासिल की।
- भारत का नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट है।
- भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 245 गीगावाट से अधिक है।
नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में मेरकॉम इंडिया रिन्यूएबल्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें अदाणी ग्रीन एनर्जी को मेरकॉम इंडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा प्रदान किया गया।
अदाणी ग्रीन एनर्जी के खावड़ा प्रोजेक्ट के जनरल मैनेजर राहुल सिंह ने कहा कि हमें यह पुरस्कार हमारे प्रोजेक्ट के लिए मिला है, जो गुजरात के कच्छ जिले के खावड़ा में स्थित है। हमने पहले क्वार्टर में 250 मेगावाट कमीशन किया है। हमें भारत के नवीकरणीय प्रोजेक्ट में योगदान करने के लिए यह सम्मान मिला है। मैं आशा करता हूँ कि हमारी टीम आगे भी इसी तरह की उपलब्धियाँ हासिल करेगी।
अदाणी ग्रीन एनर्जी कंस्ट्रक्शन लीड मैकेनिकल खावड़ा के मैनेजर ओंकार सिंह ने कहा कि आज तक कोई भी 250 मेगावाट का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया था, जो हमने किया है। इसके लिए हमें यह पुरस्कार मिला है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को गति देने वाली पाँच प्रमुख प्राथमिकताओं की चर्चा की, जिसमें मजबूत बिजली खरीद समझौते (पीपीए), मजबूत ग्रिड और भंडारण प्रणाली, घरेलू विनिर्माण, भूमि उपयोग अनुकूलन और वित्तीय पहुँच शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि ये सभी रणनीतिक सुधार भारत को 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य की ओर अग्रसर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त कर लिया है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) की समय सीमा से पाँच वर्ष पहले है। वर्तमान में स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 245 गीगावाट से अधिक है, जिसमें 116 गीगावाट सौर और 52 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।
उन्होंने आईआरईएनए के नवीनतम अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि 2024 में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार से देश को जीवाश्म ईंधन के आयात और प्रदूषण से जुड़ी लागतों से लगभग 4 लाख करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है। इसमें 14.9 बिलियन डॉलर की जीवाश्म ईंधन बचत, 410.9 मिलियन टन सीओ-2 की बचत और 31.7 बिलियन डॉलर के स्वास्थ्य एवं वायु प्रदूषण लाभ शामिल हैं।
सरकार पीएम सूर्य घर, मुफ्त बिजली योजना जैसी ऐतिहासिक पहलों के माध्यम से इस विकास को सुगम बना रही है, जिसके तहत 58.7 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और इसके परिणामस्वरूप 17.2 लाख रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र पूरे हो चुके हैं।
इसके अलावा, विद्युत मंत्रालय, सीईए, सीटीयू और पावरग्रिड के समन्वय से 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता की निकासी के लिए एक व्यापक संचरण योजना तैयार की गई है।