क्या आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय नेतृत्व निर्माण के लिए भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है?

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क्या आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय नेतृत्व निर्माण के लिए भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है?

सारांश

आदि कर्मयोगी अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है जो जनजातीय नेतृत्व को सशक्त बनाने का वादा करता है। यह अभियान न केवल गुजरात में, बल्कि पूरे भारत में जनजातीय क्षेत्र के विकास को लक्षित करता है। जानें इस आंदोलन के पीछे की सोच और इसके प्रभाव.

Key Takeaways

  • आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय नेतृत्व निर्माण के लिए एक बड़ा जन आंदोलन है।
  • यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में शासन और सेवा वितरण में सुधार लाने का प्रयास करता है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान का शुभारंभ किया है।
  • इसमें 20 लाख युवा नेतृत्वकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • यह अभियान गुजरात के 15 आदिवासी जिलों में चलाया जाएगा।

गांधीनगर, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आदि कर्मयोगी अभियान गुजरात के विभिन्न कस्बों में चलाया जाएगा। आदिवासी विकास मंत्री डॉ. कुबेर डिंडोर ने बताया कि इस अभियान की सफलता के लिए जनजातीय विकास विभाग के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों को भी शामिल किया गया है।

डॉ. कुबेर डिंडोर ने गांधीनगर में अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है जो जनजातीय नेतृत्व निर्माण के लिए है। इसका लक्ष्य जनजातीय क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाना है। यह अभियान सेवा, समर्पण और संकल्प से प्रेरित है। इसका उद्देश्य भारत के जनजातीय क्षेत्रों में बहु-स्तरीय क्षमता निर्माण और नेतृत्व विकास के माध्यम से एक जन-केंद्रित और उत्तरदायी शासन प्रणाली को स्थापित करना है। यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी महाअभियान (पीएम-जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए) के व्यापक ढांचे से जुड़ा हुआ है, और इसे जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) द्वारा संचालित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर किया। आदिवासियों के प्रति प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता को आदि कर्मयोगी कार्यक्रम में देखा जा सकता है। पीएम-जनमन और डीए-जेजीयूए आदि कर्मयोगी अभियान से जुड़े हैं और यह अभियान भारत के 0.1 लाख आदिवासी बहुल गांवों, 3,000 आदिवासी तालुकाओं, 550 से अधिक आदिवासी जिलों और 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करता है।

मंत्री डिंडोर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में, यह अभियान गुजरात के 15 आदिवासी जिलों, 94 तालुकाओं और 4,245 गांवों में चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत, 20 लाख परिवर्तनकारी नेतृत्वकर्ता कार्यकर्ताओं को तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। ये युवा नेता आदिवासी लोगों की समस्याओं और जरूरतों को समझकर उनका समाधान करेंगे। गुजरात सरकार ने राज्य में आदि कर्मयोगी अभियान को बड़े पैमाने पर शुरू किया है, जिसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में नेतृत्व निर्माण और सेवा वितरण में सुधार लाना है।

जनजातीय विकास राज्य मंत्री कुंवरजी हलपति ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनजातीय विकास विभाग के साथ अन्य संबंधित विभागों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। यह अभियान सेवा, समर्पण और संकल्प की भावना से प्रेरित है और इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में बहु-स्तरीय क्षमता निर्माण और जिम्मेदार शासन प्रणाली को सुदृढ़ करना है।

Point of View

बल्कि यह भारत के सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत करता है। यह अभियान जनजातीय समुदायों में नेतृत्व को सशक्त बनाकर उनके अधिकारों और जरूरतों को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

आदि कर्मयोगी अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में नेतृत्व निर्माण और सेवा वितरण में सुधार लाना है।
इस अभियान के तहत कितने लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा?
इस कार्यक्रम के तहत 20 लाख परिवर्तनकारी नेतृत्वकर्ता कार्यकर्ताओं को तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।