क्या इनेलो विधायक आदित्य चौटाला ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं?

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क्या इनेलो विधायक आदित्य चौटाला ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं?

सारांश

इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक आदित्य चौटाला ने भाजपा और हरियाणा सरकार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जिसमें लॉ ऑफिसर की नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाया गया है। क्या यह मामला मेरिट के दावों को चुनौती देता है?

Key Takeaways

  • भ्रष्टाचार के आरोप हरियाणा सरकार पर गंभीर हैं।
  • मेरिट का सवाल उठता है जब योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया जाता है।
  • सुभाष बराला के बेटे की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं।
  • पारदर्शिता की कमी से न्याय व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
  • युवाओं से अपील की गई है कि वे अनुचित नियुक्तियों के खिलाफ आवाज उठाएं।

चंडीगढ़, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक आदित्य चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हरियाणा सरकार पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए हैं। समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में चौटाला ने कहा कि भाजपा सांसद सुभाष बराला ने अपने बेटे को हरियाणा सरकार में लॉ ऑफिसर की नौकरी दिलाने के लिए अनुचित तरीके अपनाए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला मेरिट के दावों की सच्चाई को उजागर करता है और हरियाणा में नौकरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। सुभाष बराला के बेटे ने लॉ ऑफिसर के पद के लिए आवेदन किया था। आवेदन प्रक्रिया में उम्मीदवार को अपने खिलाफ चल रहे मुकदमों की जानकारी देनी होती है। बराला के बेटे ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले की जानकारी छिपाई। इसके बावजूद, चयन समिति ने उन्हें लॉ ऑफिसर के पद के लिए चुन लिया।

आदित्य चौटाला ने सवाल उठाया कि अगर जानकारी नहीं छिपाई गई, तो चयन समिति ने ऐसी नियुक्ति कैसे की? बराला के बेटे को दिल्ली में हरियाणा सरकार की ओर से कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी दी गई, जिससे साफ होता है कि भाजपा "दिखाने के दांत और, खाने के दांत" की नीति अपनाती है।

उन्होंने इस नियुक्ति को हरियाणा के हितों के खिलाफ बताया और कहा कि अगर ऐसी नियुक्तियों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग चुने जाएंगे, तो न्याय व्यवस्था पर सवाल उठेंगे।

उन्होंने पूछा, "ऐसे लोग अगर कानून को अपने हिसाब से चलाएंगे, तो हरियाणा के लोगों को न्याय कैसे मिलेगा?" लॉ ऑफिसर की नियुक्तियों में 45 प्रतिशत पंजाब के उम्मीदवारों और 34 प्रतिशत नेताओं या जजों के रिश्तेदारों को चुना गया, जबकि कई काबिल युवा और वकील नजरअंदाज किए गए।

उन्होंने इसे "अंधेर नगरी" की संज्ञा दी और मेरिट की बात करने वाली सरकार की नीति पर सवाल उठाए और कहा कि यह मुद्दा हरियाणा के पढ़े-लिखे नौजवानों और वकीलों के लिए गंभीर है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ढाई लाख आवेदनों में से ऐसी नियुक्तियां कैसे हुईं।

इसके अलावा, चौटाला ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है कि देश के दूसरे सबसे बड़े पद पर बैठे व्यक्ति ने अचानक इस्तीफा दिया। युवाओं और वकीलों से अपील की कि वे इस तरह की अनुचित नियुक्तियों के खिलाफ आवाज उठाएं।

Point of View

NationPress
24/07/2025

Frequently Asked Questions

आदित्य चौटाला ने भाजपा पर कौन से आरोप लगाए?
आदित्य चौटाला ने भाजपा पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए हैं, विशेष रूप से लॉ ऑफिसर की नियुक्तियों को लेकर।
सुभाष बराला के बेटे ने क्या किया?
सुभाष बराला के बेटे ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाकर लॉ ऑफिसर की नौकरी पाई।
क्या चौटाला ने नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी बताई?
जी हां, चौटाला ने हरियाणा में नौकरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को उजागर किया।