क्या उत्तर प्रदेश में अगले साल अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन आयोजित होगा?

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क्या उत्तर प्रदेश में अगले साल अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन आयोजित होगा?

सारांश

उत्तर प्रदेश में अगले साल जनवरी में होने वाले अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में देशभर के विधानसभा अध्यक्ष हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन लखनऊ में 20 और 21 जनवरी को आयोजित होगा। आइए जानते हैं इसके प्रमुख बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन लखनऊ में 20-21 जनवरी को होगा।
  • देशभर के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति भाग लेंगे।
  • प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों से अवगत कराया जाएगा।
  • सूचनाओं का जवाब अब 30 दिनों के भीतर देना अनिवार्य है।
  • महाना ने सदन की कार्यवाही की स्वस्थ चर्चा पर जोर दिया।

लखनऊ, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने जानकारी दी कि अगले वर्ष जनवरी में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन लखनऊ में किया जाएगा। यह सम्मेलन 20 और 21 जनवरी को निर्धारित है, जिसमें देशभर के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति भाग लेंगे।

महाना ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि पिछले वर्ष यह सम्मेलन पटना में हुआ था, और इससे पहले यह महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था। अब लखनऊ इसकी मेजबानी करेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं, और मुख्यमंत्री योगी ने भी स्वीकृति प्रदान की है।

उन्होंने यह भी बताया कि लोकसभा से एक टीम आएगी जो प्रतिनिधियों की संख्या और अन्य व्यवस्थाओं पर निर्णय लेगी। सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों से अवगत कराया जाएगा, जिसमें अयोध्या, काशी और बौद्ध सर्किट का भ्रमण शामिल होगा।

महाना ने सदन की कार्यवाही की जानकारी देते हुए कहा कि 11 से 14 अगस्त तक मानसून सत्र चला। इस दौरान 24 घंटे की विशेष चर्चा में सत्ता और विपक्ष दोनों ने सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने कहा कि पूर्ण विधानसभा तभी होती है जब दोनों पक्ष बराबर भाग लें। इस बार महत्वपूर्ण विषयों पर स्वस्थ चर्चा हुई, जिसका परिणाम जनता तक पहुंचेगा। इसके बाद विषयों को संकलित कर पुनः सदन में चर्चा होगी और विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि अब विधानसभा में आने वाली सूचनाओं का जवाब 30 दिनों के भीतर देना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यह अवधि 90 दिन थी, जिससे विभागों की जवाबदेही और स्पष्ट हो गई है। डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति पर पूछे गए प्रश्न पर महाना ने कहा कि यह सरकार का अधिकार क्षेत्र है और निर्णय सरकार ही करेगी।

Point of View

यह सम्मेलन न केवल विधायिका के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता को भी दर्शाता है। यह आयोजन प्रदेश की राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने में सहायक होगा।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन कब होगा?
यह सम्मेलन 20 और 21 जनवरी 2024 को लखनऊ में आयोजित होगा।
इस सम्मेलन में कौन-कौन शामिल होगा?
इसमें देशभर के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति हिस्सा लेंगे।
इस सम्मेलन का महत्व क्या है?
यह सम्मेलन विधायिका की कार्यप्रणाली पर चर्चा करने और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करने का एक अवसर है।