क्या शेख हसीना और उनके परिवार ने भ्रष्टाचार के आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया?
सारांश
Key Takeaways
- शेख हसीना और परिवार ने आरोपों को खारिज किया।
- अदालत ने 21 वर्ष की सजा सुनाई।
- आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया गया।
- अवामी लीग ने निंदा की।
- सत्ता में मौजूद लोगों के भ्रष्टाचार की जांच की मांग।
ढाका, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हुए उन्हें "दुष्प्रेरित, राजनीतिक रूप से प्रेरित और बिना किसी ठोस आधार के" बताया है।
यह प्रतिक्रिया तब आई जब एक ढाका अदालत ने गुरुवार को पुरबाचल न्यू सिटी प्रोजेक्ट के तहत भूखंड आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार मामलों में हसीना को तीन अलग-अलग मामलों में कुल 21 वर्ष की सजा सुनाई। इसके साथ ही उनकी बेटी सैमा वाज़ेद पुतुल और बेटे सजीब वाज़ेद जॉय को इनमें से एक मामले में पांच-पांच वर्ष की सजा दी गई है।
शुक्रवार दोपहर अवामी लीग के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जारी एक बयान में हसीना और उनके परिवार ने आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। बयान में कहा गया, "हम सभी भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। हमारे खिलाफ लाए गए प्रत्येक आरोप हमारे राजनीतिक विरोधियों के उद्देश्यों से दूषित हैं। एसीसी एक अनिर्वाचित सरकार के नियंत्रण में है, जिसने पक्षपातपूर्ण सबूतों के आधार पर कार्यवाही की और हमें अपनी बात रखने का अवसर तक नहीं दिया।"
बयान में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर भी निशाना साधा गया और आरोप लगाया गया कि सरकार निर्दोष परिवार के सदस्यों को भी "जबर्दस्ती और बिना वजह" मामलों में घसीटने की कोशिश कर रही है।
हसीना परिवार ने कहा कि अंतरिम सरकार ने देश की संस्थाओं को कमजोर किया है और एक "असंवैधानिक प्रतिबंध" लगाया है, जिससे लाखों सामान्य नागरिकों के अधिकार प्रभावित हुए हैं।
बयान के अनुसार, "एसीसी को उन लोगों के व्यापक भ्रष्टाचार की जांच करनी चाहिए, जो वर्तमान में सत्ता में हैं। जब तक देश में जनता के अधिकारों से चुनी हुई सरकार नहीं आती, तब तक निरंतर भ्रष्टाचार की यह समस्या समाप्त नहीं होगी।"
इससे पहले गुरुवार को अवामी लीग ने भी इन मामलों की निंदा की और कहा कि भ्रष्टाचार के दावे "बेसिर-पैर के, मनगढ़ंत और राजनीतिक चरित्रहनन के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।"
पार्टी ने आरोप लगाया कि वर्तमान शासन में न तो कानून का शासन बचा है और न ही न्यायपालिका स्वतंत्र है। पार्टी के बयान में कहा गया, "अदालतें अवैध शासन के हितों को सुरक्षित रखने का साधन बन चुकी हैं। जिस प्रकार 6.66 अरब टका टैक्स चोरी के मामले में हड़बड़ी में 'हस्ताक्षर भर' से आरोप हटाए गए, उसी प्रकार अब बंगबंधु परिवार की छवि खराब करने के लिए कानूनी रूप से खरीदे गए प्लॉट पर मनगढ़ंत आरोप थोपे जा रहे हैं।"