क्या एनसीबी ने मध्य प्रदेश में पांच ड्रग तस्करों को 17 साल की जेल की सजा दिलाई?
सारांश
Key Takeaways
- पांच ड्रग तस्करों को 17 साल की सजा.
- हर एक पर 1.5 लाख रुपए का जुर्माना.
- गांजे की तस्करी की सख्त कार्रवाई.
- एनसीबी की ड्रग-फ्री इंडिया की पहल.
- विशेष अदालत द्वारा दी गई सजा.
भोपाल, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की एक विशेष अदालत ने पांच अंतरराज्यीय ड्रग तस्करों को 17 साल की कठोर सजा और प्रत्येक पर 1.5 लाख रुपए का जुर्माना सुनाया। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भोपाल जोनल यूनिट ने 2023 में ओडिशा से उत्तर प्रदेश में 1,526 किलो गांजे की तस्करी से जुड़े एक मामले में इन पांच व्यक्तियों को दोषी ठहराया।
मंडला की विशेष एनडीपीएस अदालत ने जिन आरोपियों को सजा सुनाई है, उनमें मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान के लोग शामिल हैं।
यह मामला 23 मार्च, 2023 का है, जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर जोन के अधिकारियों ने बुंदेलखंड ढाबा, एनएच-30 (रायपुर-जबलपुर), जिला मंडला, मध्य प्रदेश के समीप एक ट्रक और एक मारुति ब्रेजा कार को रोका।
बयान में कहा गया कि वाहन की जांच में 1,526 किलो गांजा बरामद किया गया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। बाद में मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान पता चला कि जब्त किया गया गांजा संबलपुर, ओडिशा से लाया गया था और इसका गंतव्य ललितपुर, उत्तर प्रदेश था।
19 सितंबर, 2023 को मंडला की विशेष एनडीपीएस अदालत में इस मामले की शिकायत दर्ज की गई थी।
शुक्रवार को अदालत ने सभी पांच आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें 17 साल की कड़ी सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक पर 1.5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि यह सजा सही जांच और मामलों की कार्रवाई के माध्यम से 'ड्रग-फ्री इंडिया' के विजन को पूरा करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ब्यूरो नशीले पदार्थों के खतरों को रोकने और समाज को ड्रग्स के गलत उपयोग के दुष्प्रभावों से बचाने के मिशन पर कार्यरत है।