क्या अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए?

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क्या अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए?

सारांश

नई दिल्ली में एसआईआर प्रक्रिया पर जारी गतिरोध के बीच विपक्ष ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अखिलेश यादव ने 18,000 लोगों के वोट न देने और गड़बड़ी की ओर इशारा किया है। क्या यह आरोप सही हैं? जानिए इस लेख में।

Key Takeaways

  • अखिलेश यादव ने 18,000 लोगों के वोट न देने का आरोप लगाया।
  • चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए।
  • विपक्ष का प्रदर्शन जन जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है।
  • संविधान और लोकतंत्र पर खतरा बताया गया है।
  • किसानों और महिलाओं के अधिकार की बातें की गई हैं।

नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद में एसआईआर प्रक्रिया पर लगातार गिरावट जारी है। विपक्ष ने मंगलवार को भी एसआईआर प्रक्रिया में गड़बड़ी और 'वोट चोरी' के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत 'इंडिया' ब्लॉक के नेता शामिल थे।

समाजवादी पार्टी के सांसद और प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में हलफनामों की प्रतियां दिखाईं। उन्होंने कहा कि हमने हलफनामे दिए हैं और ईमेल भेजे हैं। ईमेल भेजने के बावजूद 18,000 लोगों को वोट नहीं करने दिया गया और उनके नाम काट दिए गए। कई जगहों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन प्रशासन दबाव बना रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के दौरान वोटों की 'डकैती' हुई और पुलिस ने इसमें मदद की। इसके हमने हलफनामे हमारे पास हैं। चुनाव आयोग को 18,000 हलफनामे दिए हैं। अगर चुनाव आयोग एक पर भी कार्रवाई करता है, तो एक भी वोट नहीं छूटेगा।"

इस दौरान, समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से चुनाव आयोग सरकार के साथ मिलकर इसे संचालित कर रहा है, वह निष्पक्ष नहीं है। हम इसका विरोध करते हैं। अगर चुनाव आयोग अपना व्यवहार नहीं बदलता है, तो हमारे पास महाभियोग ही एकमात्र विकल्प बचेगा।"

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि देश में संविधान पर खतरा है। लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान बर्बाद हैं, महिलाएं असुरक्षित हैं और देश में गरीबी फैली है, इस बारे में सरकार को बात करनी चाहिए। इन मुद्दों पर देश सरकार को सुनना चाहता है।

कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने कहा कि एसआईआर से लोग आश्वस्त नहीं हैं। मतदाताओं के वोट के अधिकार के लिए राहुल गांधी लड़ाई लड़ रहे हैं। पूरा बिहार कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ खड़ा है, क्योंकि लोगों को यह महसूस हो रहा है कि जब हमारा वोट का अधिकार छिन जाएगा, तो लोकतंत्र और राजनीति का क्या मतलब रह जाएगा।

Point of View

तो इससे न केवल चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ेगा, बल्कि लोगों का विश्वास भी कम होगा। ऐसे में, हमें हर स्तर पर पारदर्शिता की आवश्यकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या चुनाव आयोग ने आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
अभी तक चुनाव आयोग ने आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अखिलेश यादव ने कितने हलफनामे पेश किए?
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को 18,000 हलफनामे प्रस्तुत किए हैं।
क्या विपक्ष का प्रदर्शन असरदार होगा?
विपक्ष का प्रदर्शन जन जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके परिणाम अभी स्पष्ट नहीं हैं।