क्या थल सेना को मिले अटैक अपाचे हेलीकॉप्टर?

सारांश
Key Takeaways
- अटैक अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना की शक्ति को बढ़ाएंगे।
- इनमें उन्नत तकनीक और घातक हथियार शामिल हैं।
- सेना को तेज और सटीक हवाई समर्थन मिलेगा।
- सेना की संचालन क्षमता में सुधार होगा।
- यह डिलीवरी एक मील का पत्थर है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका से खरीदे गए अटैक अपाचे हेलीकॉप्टर अब भारतीय सेना का हिस्सा बनने जा रहे हैं। मंगलवार को गाजियाबाद स्थित वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर भारतीय थल सेना के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर्स की पहली खेप पहुंची। इस मौके पर तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर सफलतापूर्वक हिंडन एयरबेस पर उतारे गए हैं। ये हेलीकॉप्टर सेना के एविएशन विंग में शामिल होंगे।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह दिन भारतीय थल सेना के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया है। भारतीय सेना को कुल छह हेलीकॉप्टर मिलने हैं, और माना जा रहा है कि अमेरिका से बाकी तीन हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी इस वर्ष के अंत तक हो जाएगी। अपाचे हेलीकॉप्टर को ‘फ्लाइंग तोप’ भी कहा जाता है और यह विश्व के सबसे उन्नत अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक है।
इन अपाचे हेलीकॉप्टरों में 30 एमएम चेन गन, रॉकेट पॉड्स, लेजर और रडार-निर्देशित हेलफायर मिसाइलें शामिल हैं। ये घातक हेलीकॉप्टर कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने में सक्षम हैं और जटिल पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, इनमें सीमा पार से जबरदस्त हमले की क्षमता भी है। ये हेलीकॉप्टर दुश्मन के बंकर और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं, जिससे भारतीय थल सेना की शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सेना का मानना है कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस ये हेलीकॉप्टर उनकी संचालन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे। इन अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती से थल सेना को आधुनिक युद्धक अभियानों में तेज, सटीक और शक्तिशाली हवाई समर्थन मिलेगा। इसे एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
अपाचे हेलीकॉप्टर एडवांस कॉम्बेट हेलीकॉप्टरों में गिने जाते हैं और इन्हें भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा के करीब जोधपुर में तैनात कर सकती है। इस घातक हथियार के लिए सेना लंबे समय से इंतजार कर रही थी। यह डिलीवरी पिछले वर्ष जून में होनी थी, और मंगलवार सुबह करीब 15 महीने के इंतजार के बाद ये हेलीकॉप्टर भारत पहुंचे। इनमें लॉन्गबो रडार शामिल है, जो एक उन्नत रडार प्रणाली है और यह एक साथ 128 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है।
हेलफायर मिसाइलें हवा से सतह पर मार करती हैं और टैंक व बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए विकसित की गई हैं। इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट भी हैं। इसकी उच्च दर की फायरिंग वाली स्वचालित तोप नजदीकी लड़ाई में कारगर साबित होती है। रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का समझौता किया था, जिनमें से तीन हेलीकॉप्टर्स की खेप मंगलवार को भारत पहुंच गई। अब शेष तीन हेलीकॉप्टर्स भी इसी वर्ष के अंत तक मिल सकते हैं।