क्या चुनाव में गड़बड़ी हुई? चुनाव आयोग चर्चा कब करेगा: आनंद दुबे

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क्या चुनाव में गड़बड़ी हुई? चुनाव आयोग चर्चा कब करेगा: आनंद दुबे

सारांश

आनंद दुबे ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए चुनावी गड़बड़ियों के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने एसआईआर पर चर्चा की आवश्यकता और विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जोर दिया। इस विवादास्पद स्थिति में, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हुए हैं। क्या यह मुद्दा चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करेगा?

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
  • आनंद दुबे ने चुनावी गड़बड़ियों पर चर्चा की आवश्यकता जताई।
  • विपक्ष के आरोपों पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है।
  • एसआईआर पर सार्वजनिक चर्चा और पारदर्शिता आवश्यक है।
  • राहुल गांधी की मांगें चुनावी प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकती हैं।

मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाने के संदर्भ में शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग किसी भी पार्टी की मान्यता बनाए रखे या रद्द करे, यह उनका अधिकार है, लेकिन हमने जो चुनावी गड़बड़ी पकड़ी है, उस पर चर्चा कब होगी?"

उन्होंने बताया कि विपक्ष का आरोप है कि चुनाव में धांधली हो रही है और लाखों फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं।

आनंद दुबे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "आयोग ने कहा कि शरद पवार एनसीपी नेता नहीं हैं और उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नहीं बनाई। आयोग को असीम शक्तियां मिल गई हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट उसके ऊपर है। सत्य की जीत होगी और जनता जाग चुकी है; अब आयोग बच नहीं पाएगा।"

उन्होंने बिहार एसआईआर पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना था कि एसआईआर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर सरकार और चुनाव आयोग को विपक्ष को विश्वास में लेना चाहिए। पश्चिम बंगाल और बिहार में चुनाव स्वतंत्र रूप से होते हैं, लेकिन धांधली और धोखेबाजी बंद होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि सरकार एसआईआर पर बहस क्यों नहीं कर रही है, जबकि यह मतदाता सूची और वोटिंग प्रक्रिया में सुधार ला सकता है। दुबे ने कहा कि एसआईआर पर सार्वजनिक चर्चा और पारदर्शिता जरूरी है। विपक्ष भी समय-समय पर इसकी मांग करता रहा है, लेकिन इसे एकतरफा या बंद कमरे में नहीं, सबके सामने लागू किया जाना चाहिए।

चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी घोषणा पत्र दें या झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें। आनंद दुबे ने इस पर कहा कि राहुल गांधी ने बहुत गंभीर और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। चुनाव में चोरी हुई है और पकड़ी भी गई है। हम विपक्ष की ओर से मांग करते हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस्तीफा दें, क्योंकि वे यह जिम्मेदारी नहीं निभा पाए। किसी जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त किया जाए जो राहुल गांधी की बात सुनें और उन्हें डिजिटल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराएं। हार्ड कॉपी जमा करने में छह महीने लग रहे हैं और हर बिंदु पर गहन अध्ययन करना पड़ रहा है। राहुल गांधी न केवल नेता प्रतिपक्ष हैं, बल्कि देश के बड़े नेता हैं। अजीब है कि ईसीआई से सवाल पूछने पर भाजपा जवाब देती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। विपक्ष के आरोपों पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है, ताकि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके। जनता की जागरूकता और भागीदारी से ही सच्ची लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

आनंद दुबे ने चुनाव आयोग के बारे में क्या कहा?
आनंद दुबे ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए चुनावी गड़बड़ियों पर चर्चा की आवश्यकता जताई।
क्या चुनाव में धांधली हो रही है?
विपक्ष का आरोप है कि चुनाव में धांधली हो रही है और लाखों फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं।
राहुल गांधी ने क्या मांग की है?
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से डिजिटल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने और मुख्य चुनाव आयुक्त के इस्तीफे की मांग की है।