क्या आंध्र प्रदेश के आईपीएस अधिकारी संजय की जमानत याचिका खारिज हो गई?

Click to start listening
क्या आंध्र प्रदेश के आईपीएस अधिकारी संजय की जमानत याचिका खारिज हो गई?

सारांश

विजयवाड़ा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एन. संजय की जमानत याचिका को एसीबी की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। संजय पर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप हैं, जिसके चलते उन्हें जेल में रहना होगा। यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • संजय की जमानत याचिका खारिज हुई है।
  • उन पर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज की थी।
  • एसीबी द्वारा जांच की जा रही है।
  • संजय का आत्मसमर्पण महत्वपूर्ण था।

विजयवाड़ा, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विशेष अदालत ने सोमवार को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एन. संजय की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला उनके खिलाफ सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के लिए दर्ज किया गया था।

जमानत याचिका खारिज होने के बाद, संजय को विजयवाड़ा जिला जेल में रहना पड़ेगा।

1996 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय, आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया एवं अग्निशमन सेवा के महानिदेशक और अपराध जांच विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे।

उन पर अग्नि-एनओसी (गवर्नेंस एंड एनओसी इंटीग्रेशन) वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के विकास में हेराफेरी करने का आरोप है। 2023 में, प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए एक निजी कंपनी को हार्डवेयर की आपूर्ति का ठेका देने का भी आरोप है।

आरोप है कि संजय ने बिना निविदा आमंत्रित किए कुछ उपकरणों की खरीद का आदेश दिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) भी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की जांच कर रहा है।

पिछले महीने, एसीबी ने संजय से तीन दिनों तक पूछताछ की थी, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बारे में जानकारी ली गई थी।

संजय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए 26 अगस्त को एसीबी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया था।

उच्च न्यायालय ने जनवरी 2025 में संजय को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी, यह कहते हुए कि एक आईपीएस अधिकारी होने के नाते उनके भागने का सवाल नहीं है।

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने संजय को तीन हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में, संजय ने सीआईडी प्रमुख के रूप में एन. चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम घोटाले की जांच की थी।

जून 2024 में टीडीपी के नेतृत्व वाले एनडीए की चुनावी जीत के बाद, संजय का तबादला कर दिया गया था।

गठबंधन सरकार ने संजय के खिलाफ आरोपों की जांच के आदेश दिए, जिसमें सतर्कता रिपोर्ट में उचित कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई।

सरकार ने 4 दिसंबर को संजय को निलंबित कर दिया और एसीबी ने 24 दिसंबर को उनके खिलाफ धन के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया।

Point of View

यह मामला न केवल कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक स्थिरता में भी एक बड़ा प्रश्न उठाता है। हमें इस प्रकार की घटनाओं से सीखने की आवश्यकता है ताकि प्रशासनिक सुधार किए जा सकें।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

एन. संजय पर कौन से आरोप हैं?
संजय पर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप हैं, जिसमें निविदा प्रक्रियाओं में हेराफेरी और बिना निविदा आमंत्रित किए उपकरणों की खरीद शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने संजय की अग्रिम जमानत क्यों खारिज की?
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को खारिज करते हुए संजय के आत्मसमर्पण की आवश्यकता बताई।
क्या संजय को जेल में रहना पड़ेगा?
हाँ, उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें विजयवाड़ा जिला जेल में रहना पड़ेगा।