क्या मोटापा, पाचन, त्वचा से जुड़ी हर परेशानी का हल है आरोग्यवर्धिनी वटी?

सारांश
Key Takeaways
- आरोग्यवर्धिनी वटी एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है।
- यह पाचन और त्वचा के रोगों में सहायता करती है।
- मोटापे कम करने में सहायक है।
- यह लीवर की सेहत को सुधारती है।
- रक्त को शुद्ध करने में मदद करती है।
नई दिल्ली, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जो हमें प्रकृति के साथ एक स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा देती है। इस आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि है 'आरोग्यवर्धिनी वटी', जो एक साधारण गोली के रूप में दिखाई देती है, लेकिन इसके लाभ अत्यधिक हैं। इसका उपयोग लीवर संबंधी समस्याओं, त्वचा के रोग, पाचन में गड़बड़ी, मोटापे और रक्त से जुड़ी बीमारियों के उपचार में किया जाता है। यह औषधि शरीर के अंदर से शुद्धिकरण करती है और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। आयुर्वेद में इसे एक ऐसी औषधि माना जाता है, जो न केवल बीमारियों को दूर करती है, बल्कि शरीर की आंतरिक शक्ति को भी विकसित करती है।
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, आरोग्यवर्धिनी वटी विभिन्न प्रसिद्ध औषधियों के संयोजन से बनाई जाती है, जो इसे एक प्रभावी और बहुपरकारी औषधि बनाती हैं। इसमें त्रिफला (हरड़, बेहड़ा, आंवला) जैसे पाचन को सुधारने वाले तत्व शामिल हैं। शुद्ध शिलाजीत और गंधक शरीर को शक्ति प्रदान करते हैं और अंदर की गंदगी को बाहर निकालने में सहायक होते हैं। लोहत भस्म और अभ्रक भस्म रक्त को शुद्ध करते हैं और कमजोरी को दूर करते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें तांबे की राख भी होती है, जो चर्बी और विषैले तत्वों को कम करने में मदद करती है। चित्रक मूल और कुटकी जैसी औषधियाँ पाचन को बेहतर बनाने और लीवर को मजबूत करने में सहायक होती हैं। इन्हीं सभी घटकों का संयोजन इसे एक बेहतरीन डिटॉक्स औषधि बनाता है।
यह आयुर्वेदिक औषधि शरीर के कई हिस्सों पर एक साथ कार्य करती है। आरोग्यवर्धिनी वटी फैटी लिवर या हेपेटाइटिस में लीवर को शुद्ध करती है। त्वचा की समस्याएं, जैसे पिम्पल्स, फोड़े-फुंसी, खुजली या एक्जिमा में भी यह काफी राहत प्रदान करती है। जिन व्यक्तियों को मोटापा या अधिक कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनके लिए यह औषधि शरीर की चर्बी को कम करने और मेटाबोलिज्म को तेज करने में सहायक है। पेट की समस्याएं जैसे कब्ज, गैस या अपच को दूर करने में भी यह उपयोगी है, क्योंकि इसमें त्रिफला और चित्रक जैसे पाचन सुधारने वाले तत्व होते हैं।
इसके अतिरिक्त, आरोग्यवर्धिनी वटी दिल के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह रक्त को शुद्ध करती है और दिल की नाड़ियों को मजबूत बनाती है। कुछ मामलों में, यह हार्मोनल असंतुलन, जैसे महिलाओं में पीसीओएस या पुरुषों में कमजोरी की समस्याओं में भी सहायक मानी जाती है।