क्या बद्रीनाथ धाम बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया है?

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क्या बद्रीनाथ धाम बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया है?

सारांश

बद्रीनाथ धाम में हाल ही में मौसम ने करवट बदली है। बर्फबारी और ठंड ने श्रद्धालुओं का मनोबल नहीं तोड़ा है। जानें कैसे भक्त बर्फबारी के बीच भी बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे हैं।

Key Takeaways

  • बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी का सिलसिला जारी है।
  • प्रशासन ने अलाव की व्यवस्था की है।
  • बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं है।
  • मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है।
  • बद्रीनाथ धाम के कपाट नवंबर में बंद होंगे।

बद्रीनाथ, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम में मौसम ने अचानक से नया मोड़ ले लिया है। बुधवार सुबह से तेज बर्फबारी का सिलसिला जारी है और चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है।

बर्फबारी के कारण तापमान में काफी गिरावट आई है, लेकिन श्रद्धालुओं की भक्ति में कोई कमी नहीं आई है। बर्फबारी के बीच भी भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पर्यटक भी इस बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं।

उत्तराखंड में बर्फबारी के साथ-साथ बारिश की संभावना भी जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बर्फबारी और बारिश दोनों हो सकती हैं और मौसम और बिगड़ सकता है। प्रशासन ने ठंड से बचने के लिए जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की है, ताकि पर्यटक और भक्त दोनों बर्फबारी का आनंद ले सकें। 7 से 10 नवंबर तक मौसम शुष्क रहने की आशंका है।

उत्तराखंड के कुछ जिलों में भारी बारिश और घना कोहरा छाया रहेगा। चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़, देहरादून, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में बारिश की संभावना है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने पर्यटकों को पर्वतीय क्षेत्रों में जाने से मना किया है।

बर्फबारी के बीच बद्रीनाथ की यात्रा जारी है और भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर के कपाट 4 मई 2025 को खुले थे, जो नवंबर के महीने में बंद होंगे, इसके बाद बाबा की पूजा-अर्चना के साथ उनकी विग्रह डोली को पांडुकेश्वर स्थित योग बदरी में विराजमान किया जाएगा।

इसे बाबा का शीतकालीन दूसरा घर भी कहा जाता है, जहां बाबा मंदिर के कपाट बंद होने तक विराजेंगे। शीतकाल के कुछ महीनों तक बाबा बद्रीनाथ की पूजा यहीं होगी।

बद्रीनाथ में मौसम बहुत ठंडा हो चुका है और बीते दिन का अधिकतम तापमान -1° सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -12° सेल्सियस तक रहा था। आने वाले दिनों में रुक-रुक कर बारिश हो सकती है।

Point of View

जो यह दर्शाता है कि श्रद्धा और भक्ति किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि लोग पर्वतीय क्षेत्रों में जाने से पहले मौसम की स्थिति का ध्यान रखें।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी कब शुरू हुई?
बर्फबारी का सिलसिला बुधवार सुबह से शुरू हुआ है।
बद्रीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे?
बद्रीनाथ धाम के कपाट नवंबर में बंद होंगे।
बर्फबारी के कारण तापमान कितना गिरा है?
अधिकतम तापमान -1° सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -12° सेल्सियस तक पहुंच गया है।
क्या पर्यटक बर्फबारी में जा सकते हैं?
प्रशासन ने पर्यटकों को पर्वतीय क्षेत्रों में जाने से मना किया है।
बद्रीनाथ धाम का शीतकालीन दूसरा घर क्या है?
बाबा का शीतकालीन दूसरा घर योग बदरी है, जहां वे कपाट बंद होने तक विराजमान रहेंगे।