क्या बैकुंठपुर विधानसभा चुनाव में विकास और पलायन के मुद्दे होंगे हावी?

सारांश
Key Takeaways
- बैकुंठपुर विधानसभा सीट का महत्व बिहार की राजनीति में है।
- कृषि आधारित अर्थव्यवस्था यहाँ के विकास की कुंजी है।
- जातीय समीकरण चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
- पलायन एक गंभीर समस्या है जो विकास को प्रभावित करती है।
- मतदाताओं की संख्या 3,35,737 है।
पटना, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के गोपालगंज जिले की बैकुंठपुर विधानसभा सीट एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में है। यह सीट गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जिसमें बैकुंठपुर और सिधवलिया प्रखंडों के अलावा बरौली प्रखंड के रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, हसनपुर, सादौआ, पिपरा और खजुरिया पंचायतें शामिल हैं। बदलता जनादेश और राजनीतिक उतार-चढ़ाव इस सीट की पहचान है।
बैकुंठपुर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, जहाँ धान, गेहूं और गन्ने की खेती होती है। रोजगार की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग यहाँ से पलायन कर रहे हैं। सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में विकास की आवश्यकता आज भी महसूस की जा रही है।
1951 में स्थापित इस विधानसभा सीट पर अब तक 18 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें एक उपचुनाव भी शामिल है। शुरुआती वर्षों में यहाँ कांग्रेस का वर्चस्व रहा, जिसने पाँच बार जीत हासिल की। इसके बाद राजद ने तीन बार जीत दर्ज की। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल और जदयू ने दो-दो बार जीत हासिल की। इसके अलावा, यहाँ से एक-एक बार भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार ने भी सफलता प्राप्त की है।
बैकुंठपुर सीट ने कई दिग्गज नेताओं को विधानसभा में भेजा है। ब्रज किशोर नारायण सिंह ने 1977 से 1990 तक लगातार चार बार जीत हासिल की। 1995 में लाल बाबू प्रसाद यादव (जनता दल) ने उन्हें हराया। 2000 में मंजीत कुमार सिंह समता पार्टी से जीते और बाद में 2010 में जदयू के उम्मीदवार के रूप में भी सफल रहे। 2005 में राजद के देवदत्त प्रसाद यादव ने दो बार चुनाव जीते। 2015 में भाजपा के मितलेश तिवारी ने राजद के गढ़ को ध्वस्त किया, लेकिन 2020 में राजद के प्रेम शंकर प्रसाद ने भाजपा को हराकर सीट को पुनः अपने कब्जे में ले लिया।
बैकुंठपुर का जातीय समीकरण मिश्रित है। यहाँ यादव, भूमिहार, राजपूत और ब्राह्मण समुदाय की अच्छी संख्या है। इसके साथ ही, दलित और पिछड़ी जातियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। यादवों के वोट अक्सर राजद के पक्ष में जाते हैं, जबकि सवर्ण मतदाता भाजपा-जदयू का समर्थन करते हैं।
चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बैकुंठपुर की कुल जनसंख्या 5,53,226 है, जिनमें 2,83,516 पुरुष और 2,69,710 महिलाएं हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 3,35,737 है, जिसमें 1,71,115 पुरुष, 1,64,611 महिलाएं और 11 थर्ड जेंडर शामिल हैं।