क्या बांग्लादेश में यूनुस सरकार के दौरान राजनीतिक हिंसा के 471 मामले सामने आए?

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में 471 राजनीतिक हिंसा की घटनाएं हुईं।
- 121 जानें गईं और 5,189 लोग घायल हुए।
- 92 प्रतिशत घटनाओं में बीएनपी की संलिप्तता।
- महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध।
ढाका, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में अगस्त 2024 से जून 2025 के बीच मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान राजनीतिक हिंसा की 471 घटनाएं हुईं, जिसमें कम से कम 121 लोगों की जान गई और 5,189 लोग घायल हुए।
यह जानकारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश (टीआईबी) की हालिया रिपोर्ट में सामने आई है।
टीआईबी के कार्यकारी निदेशक इफ्तेखारुज्जमां ने सोमवार को ढाका के धानमंडी स्थित कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक हिंसा की 92 प्रतिशत घटनाओं में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की भागीदारी रही, जबकि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी 5 प्रतिशत घटनाओं में और नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) 1 प्रतिशत मामलों में शामिल थी।
'द डेली स्टार' के अनुसार, टीआईबी ने कहा है कि "हमने पाया है कि कई राजनीतिक दलों में कानून के प्रति सम्मान की भारी कमी है।"
टीआईबी ने बताया कि अंतरिम सरकार द्वारा किए गए कई सुधारों के कार्यान्वयन की कोई स्पष्ट रूपरेखा नहीं है, जिससे जनता और हितधारकों के बीच अविश्वास का माहौल बना हुआ है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया, "हाल के समय में बने कुछ राजनीतिक दलों के सदस्य, जो अंतरिम सरकार और राजनीतिक पार्टियों के साथ जुड़े हैं, भ्रष्टाचार और हितों के टकराव में लिप्त पाए गए हैं।"
टीआईबी ने चिंता जताई कि जुलाई चार्टर में उल्लेखित संवैधानिक और कानूनी सुधारों के कार्यान्वयन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, हालाँकि कुछ प्रस्तावों पर राजनीतिक सहमति बन गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सूचनात्मक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अब भी प्रतिबंध हैं।
अतिरिक्त रूप से, पिछले वर्ष में धर्म-आधारित राजनीतिक प्रभाव में भारी वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और दबाव ने समावेशिता और गैर-भेदभाव के मूल्यों को ठेस पहुंचाई है।
यूनुस सरकार के कार्यकाल में देश में पत्रकारों, पुलिसकर्मियों, अल्पसंख्यकों और अवामी लीग से जुड़े लोगों के खिलाफ कई हिंसक हमले हुए हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हत्या, झूठे आपराधिक मामलों में मनमानी गिरफ्तारी, भीड़ हिंसा, धार्मिक हिंसा भड़काने, हिंदू समुदाय और मंदिरों पर हमले जैसी घटनाएं सामने आई हैं।