क्या बांग्लादेश में अवामी लीग के छात्र नेता के परिवार पर हमले का बीएनपी पर आरोप सही है?

सारांश
Key Takeaways
- अवामी लीग ने बीएनपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- हिंसा का स्तर देश में बढ़ रहा है।
- राजनीतिक संवाद की आवश्यकता है।
ढाका, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अवामी लीग ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के समर्थकों ने उनकी छात्र इकाई 'छात्र लीग' के एक नेता के परिवार पर क्रूरता से हमला किया।
यह नृशंस हमला खुलना जिले में उपजिला छात्र लीग के महासचिव फैमिन सरदार के निवास पर हुआ। हमलावरों ने फैमिन के पिता, बिर मुक्तिजोद्धा (मुक्ति संग्राम सेनानी) रुहुल अमीन सरदार तथा परिवार की महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया।
अवामी लीग ने एक बयान में कहा, “उन्होंने घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की। यह पाकिस्तानी कब्जे की ताकतों द्वारा की गई बर्बरता का एक जीता-जागता उदाहरण है, जिसे आज बीएनपी ने अंजाम दिया है। यह तथाकथित राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक आतंकवादी चेहरा है।”
बीएनपी की आलोचना करते हुए पार्टी ने कहा कि छात्र लीग से जुड़े एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को निशाना बनाना साबित करता है कि बीएनपी अब “भयावह” और “विरोधी-मुक्ति संग्राम मानसिकता” को ढो रही है।
पार्टी ने चेतावनी दी, “इस बर्बरता का न्याय बांग्ला की धरती पर होगा और ऐसा दंड दिया जाएगा कि ये रज़ाकारों के वंशज कभी भी सिर उठाने की हिम्मत न करें।”
अवामी लीग ने इससे पहले भी एक अन्य घटना का जिक्र किया, जिसमें मोनपुरा (भोला जिला) के वार्ड 8 जुवो लीग अध्यक्ष अतीक हसन की हत्या की कोशिश की गई। पार्टी का आरोप है कि यह हमला भी बीएनपी ने किया था।
अवामी लीग के अनुसार, 3 अगस्त की सुबह हथियारों से लैस बीएनपी कार्यकर्ताओं ने अतीक पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिसका उद्देश्य एक स्थानीय आयोजक को चुप कराना और इलाके में भय फैलाना था।
पार्टी ने सवाल उठाया, “क्या बांग्लादेश में अवामी लीग का सदस्य होना अब मौत की सजा बन चुका है?”
अवामी लीग ने आरोप लगाया कि बीएनपी ने 1971 में पराजित ताकतों की रणनीतियों को अपनाते हुए हत्या की राजनीति को पूरी तरह से अपना लिया है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में हुई हिंसक घटनाओं में 92 प्रतिशत में बीएनपी शामिल रही है, जबकि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी पांच प्रतिशत और नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) एक प्रतिशत घटनाओं में शामिल थे।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के पिछले वर्ष सत्ता में आने के बाद से पत्रकारों, पुलिसकर्मियों, अल्पसंख्यकों और अवामी लीग से जुड़े लोगों पर हमले हो रहे हैं।