क्या सरकार ने फर्टिलाइज़र की कालाबाजारी और जमाखोरी पर बड़ी कार्रवाई की?
सारांश
Key Takeaways
- कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
- 3,645 लाइसेंस निलंबित किए गए।
- सरकार ने 3,17,054 निरीक्षण किए।
- बिहार, राजस्थान, और महाराष्ट्र ने भी सक्रियता दिखाई।
- किसानों के लिए फर्टिलाइज़र की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। किसानों को फर्टिलाइज़र की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने खरीफ और रबी सीजन 2025-25 (अप्रैल से नवंबर) में एक विशेष अभियान चलाया है। इस दौरान कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
सरकार ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत देशभर में फर्टिलाइज़र वितरण नेटवर्क की निगरानी के लिए 3,17,054 निरीक्षण और छापे मारे गए।
केमिकल और फर्टिलाइज़र मंत्रालय के अनुसार, "इन ऑपरेशंस के तहत देशभर में कालाबाजारी के लिए 5,119 कारण-बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे 3,645 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और 418 एफआईआर दर्ज की गई हैं।"
जमाखोरी के खिलाफ अभियान के तहत 667 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें 202 लाइसेंस रद्द और निलंबित किए गए हैं और 37 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
मंत्रालय ने बताया कि डायवर्जन को रोकने के लिए अधिकारियों ने 2,991 कारण बताओ नोटिस जारी किए, 451 लाइसेंस रद्द/निलंबित किए और 92 एफआईआर दर्ज कीं। सभी प्रवर्तन कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत की गईं, जिससे सख्त अनुपालन और जवाबदेही सुनिश्चित हुई।
उत्तर प्रदेश ने इस अभियान का नेतृत्व किया, जहां 28,273 निरीक्षण किए गए, कालाबाजारी के लिए 1,957 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, 2,730 लाइसेंस रद्द या निलंबित किए गए, साथ ही 157 एफआईआर भी दर्ज की गईं। बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गुजरात उन अन्य राज्यों में शामिल थे, जिन्होंने मजबूत प्रवर्तन, बड़े पैमाने पर निरीक्षण दल तैनात करने, व्यापक निगरानी और तेज कानूनी कार्रवाई का प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र के अभियान में 42,566 निरीक्षण और डायवर्जन संबंधी उल्लंघनों के लिए 1,000 से अधिक लाइसेंस रद्द किए गए; राजस्थान ने विभिन्न श्रेणियों में व्यापक कार्रवाई के साथ 11,253 निरीक्षण किए, और बिहार ने लगभग 14,000 निरीक्षण किए और 500 से अधिक लाइसेंस निलंबित किए।
इन पहलों ने पीक एग्री सीजन के दौरान आर्टिफिशियल शॉर्टेज और कीमतों में हेराफेरी को रोकने में मदद की है। इन सक्रिय और सख्त कदमों ने समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की, बाजार अनुशासन को मजबूत किया और देश के सभी क्षेत्रों में फर्टिलाइज़र की उपलब्धता बनाए रखने में सहायता की है।