क्या बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना में मिली छह महीने की सजा?

Click to start listening
क्या बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना में मिली छह महीने की सजा?

सारांश

क्या बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना में मिली सजा, राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है? जानिए इस विवादित मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की सजा हुई है।
  • यह सजा एक सोशल मीडिया क्लिप पर आधारित है।
  • अवामी लीग ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
  • यह ट्राइब्यूनल १९७१ के युद्ध अपराधों की जांच के लिए स्थापित किया गया था।
  • शेख हसीना, बांग्लादेश के राष्ट्रपिता की बेटी हैं।

ढाका, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की कारावास की सजा सुनाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन सदस्यीय ट्राइब्यूनल की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति गोलाम मुर्तुजा माजुमदार ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में अवामी लीग की छात्र इकाई ‘छात्र लीग’ के नेता शकील अकांडा बुलबुल को भी दो महीने की सजा दी गई है।

यह सजा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप के आधार पर दी गई, जिसमें कथित तौर पर शेख हसीना को न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते और ट्राइब्यूनल को धमकी देते सुना गया था। इसके आधार पर ट्राइब्यूनल ने पिछले महीने हसीना और बुलबुल को शो-कॉज नोटिस जारी किया था। शेख हसीना अगस्त २०२४ में देश छोड़कर चली गई थीं।

अवामी लीग ने इस पूरे मामले की निंदा करते हुए इसे एक “शो ट्रायल” (नकली मुकदमा) करार दिया और कहा कि यह सत्तारूढ़ अंतरिम सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तहत शुरू किया गया है।

पार्टी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आईसीटी में निष्पक्ष सुनवाई और प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर जताई गई चिंता का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन ने केवल अवामी लीग नेताओं को निशाना बनाया है, जबकि आम नागरिकों, पत्रकारों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हुए अत्याचारों को नजरअंदाज किया गया है।

अवामी लीग ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के कई अधिकारी पहले ही सार्वजनिक मंचों पर शेख हसीना को दोषी ठहरा चुके हैं, जिससे निष्पक्ष सुनवाई की संभावना ही खत्म हो गई है।

गौरतलब है कि यह वही ट्राइब्यूनल है, जिसे शेख हसीना की सरकार ने १९७१ के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए युद्ध अपराधों की जांच और सजा के लिए स्थापित किया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सजा वर्तमान कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के राजनीतिक प्रतिशोध की एक कड़ी है, जिसने शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के तुरंत बाद उन पर और उनके समर्थकों पर कई मामले दर्ज किए।

शेख हसीना, बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं और देश में लोकतंत्र की बहाली की एक प्रमुख आवाज रही हैं।

Point of View

मेरा मानना है कि हमें न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह मामला बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पक्षों को उचित अवसर मिले।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

शेख हसीना को सजा क्यों मिली?
उन्हें अदालत की अवमानना के मामले में सजा मिली, जिसका आधार एक वायरल ऑडियो क्लिप थी।
क्या यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध है?
अवामी लीग ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और इसे एक शो ट्रायल बताया है।
क्या बांग्लादेश में न्यायपालिका स्वतंत्र है?
यह मामला न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, और विभिन्न संगठनों ने इसकी निष्पक्षता पर चिंता जताई है।