क्या इस तिथि पर मनाई जाएगी कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी?
सारांश
Key Takeaways
- कालाष्टमी 11 दिसंबर को मनाई जाएगी।
- इस दिन भगवान काल भैरव की विशेष पूजा होती है।
- काले कुत्ते को भोजन कराना इस दिन शुभ माना जाता है।
- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर भी पूजा का महत्व है।
- व्रत रखने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पौष माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर कालाष्टमी का पूजन भी किया जाएगा। कई जातक इस दिन को लेकर संदेह में हैं, लेकिन इसका उत्तर द्रिक पंचांग में स्पष्ट है, जिसके अनुसार कालाष्टमी 11 दिसंबर को मनाई जाएगी।
द्रिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से लेकर 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दिन कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का भी विशेष योग है।
पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 11 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। कालाष्टमी की पूजा शाम को होती है, इसलिए व्रत 11 दिसंबर को रखा जाएगा।
कालाष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि के दिन भी हो सकता है। पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि जिस तिथि को अष्टमी तिथि प्रबल होती है, उस दिन इसका व्रत किया जाता है।
कालाष्टमी का दिन भगवान काल भैरव को समर्पित है। इस दिन भगवान का पूजन करने से जातक के जीवन में भय, बाधा और शत्रु से मुक्ति मिलती है। विशेषकर रात्रि में भैरव चालीसा, भैरव स्तोत्र, या ॐ कालभैरवाय नमः मंत्र का जाप करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। भगवान काल भैरव को उड़द दाल, काले तिल और मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही, कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि कुत्ता काल भैरव का वाहन है।
साथ ही, इस तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा से यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वास्तव में, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पूजन ज्यादातर रात में ही होता है। इसी कारण से मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 11 दिसंबर को मनाई जाएगी।