क्या बेंगलुरु भगदड़ मामले में हाईकोर्ट ने केएससीए, आरसीबी और डीएनए को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- 11 लोगों की मौत हुई।
- आरसीबी ने आईपीएल 2025 का खिताब जीता।
- हाईकोर्ट ने केएससीए और डीएनए को प्रतिवादी बनाया।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
- राज्य सरकार ने कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया।
बेंगलुरु, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ मामले की मंगलवार को महत्वपूर्ण सुनवाई की। यह भगदड़ उस समय हुई जब आईपीएल 2025 का खिताब जीतने पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का जश्न मनाया जा रहा था। इस दौरान स्टेडियम के बाहर फैंस की भीड़ में भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान गई।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद आदेश दिया कि कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), आरसीबी और कार्यक्रम के आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट को प्रतिवादी बनाया जाए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन सभी प्रतिवादियों को शुक्रवार तक नोटिस भेजा जाए और अगली सुनवाई सोमवार को होगी, जिसमें उनकी उपस्थिति अनिवार्य होगी।
ज्ञात हो कि आरसीबी ने तीन जून को आईपीएल खिताब अपने नाम किया था। आरसीबी ने पंजाब किंग्स को हराकर अपना पहला टाइटल जीता, जिसके बाद जश्न समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह के दौरान स्टेडियम में आरसीबी के जीत का जश्न मनाने आए फैंस के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत और कई घायल हुए।
जब भगदड़ हुई, तब आरसीबी के खिलाड़ी स्टेडियम के अंदर थे। हादसे की जानकारी मिलने पर कार्यक्रम को रोक दिया गया। विराट कोहली सहित कई खिलाड़ियों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया।
इसके अलावा, इस भगदड़ के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए राज्य सरकार ने कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया है। साथ ही, आरसीबी और चार अन्य पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने नैतिक जिम्मेदारी के तहत अपने पद से इस्तीफा भी दिया। जिन अधिकारियों ने केएससीए अध्यक्ष रघुराम भट को अपना इस्तीफा सौंपा, उनमें सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम का नाम शामिल है।
इस मामले में अगले दिन हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।
--आईएएनएल
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