क्या मित्र शक्तिः ड्रोन, हेलीकॉप्टर और रोबोटिक से दुश्मनों को तलाश रहे भारत और श्रीलंका के जवान?
सारांश
Key Takeaways
- ड्रोन और रोबोटिक्स का प्रभावी उपयोग
- संयुक्त संचालन क्षमता में वृद्धि
- शारीरिक और मानसिक मजबूती का विकास
- सुरक्षा तकनीकों में नवाचार
- अंतर-संचालन का सुदृढ़ होना
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और श्रीलंका की सेनाओं के वीर जवान शहरी युद्धक परिस्थितियों में गहन प्रशिक्षण ले रहे हैं। संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ के अंतर्गत दोनों देशों के सैनिक आधुनिक युद्धों की तैयारी करते हुए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। इससे ये जवान दुश्मन की गतिविधियों की रीयल-टाइम टोह ले रहे हैं।
भारतीय सेना ने मंगलवार को बताया कि ये जवान ऑल-टेरेन व्हीकल्स की मदद से जोखिम भरे रास्तों को पार कर रहे हैं। बंद कमरों में छिपे दुश्मनों की तलाश रोबोटिक के जरिए की जा रही है। हेलीकॉप्टर मिशन भी इस संयुक्त अभ्यास का हिस्सा है। यहां ऊंचाई पर मौजूद हेलीकॉप्टर्स से सेना के जवान रस्सी के सहारे मिशन को अंजाम देने के लिए नीचे उतर रहे हैं।
सेना के मुताबिक, जवानों ने यहां कठिन बाधाओं को पार करते हुए धैर्य, फुर्ती, शारीरिक क्षमता और समग्र युद्ध तत्परता का प्रदर्शन किया। भारत और श्रीलंका के बीच जारी संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ कर्नाटक के बेलगावी स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में चल रहा है। यहां विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशिक्षण गतिविधियां संपन्न की गईं। दोनों देशों की टुकड़ियों ने उत्साह, तालमेल और उच्च स्तरीय पेशेवर क्षमता का परिचय दिया। सबसे पहले बैटल ऑब्स्टेकल कोर्स का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय तथा श्रीलंकाई सैनिकों ने बड़े जोश से भाग लिया। प्रतिभागियों ने कठिन बाधाओं को पार करते हुए धैर्य, फुर्ती, शारीरिक क्षमता और समग्र युद्ध तत्परता का प्रदर्शन किया।
इसके बाद फाइटिंग इन बिल्ट-अप एरियाज पर विस्तृत व्याख्यान और व्यावहारिक प्रदर्शन हुआ। इसमें शहरी युद्धक परिस्थितियों में संचालन की बारीकियों पर प्रशिक्षण दिया गया। सैनिकों को ड्रोन का उपयोग कर रीयल-टाइम रिकॉनिसेंस, लाइट स्पेशलिस्ट व ऑल-टेरेन व्हीकल्स की सहायता से त्वरित इंडक्शन का प्रशिक्षण मिला।
वहीं, रूम-टू-रूम निगरानी व खोज के लिए रोबोटिक म्यूल्स के उपयोग का प्रदर्शन कराया गया। इसी क्रम में, संयुक्त अभ्यास के हिस्से के रूप में स्लिदरिंग प्रैक्टिस भी कराई गई, जिसमें ऊंचाई से रस्सी के सहारे त्वरित उतरने की तकनीक सिखाई गई। अभ्यास के अगले चरण में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज पर एक विस्तृत सत्र आयोजित किया गया। इसमें सैन्य रूट क्लीयर करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अंतर्गत आईडी की पहचान के तरीके बताए गए व पहचान के बाद उठाए जाने वाले कदम की ट्रेनिंग दी गई। विभिन्न प्रकार के चार्जेज की तैयारी और कई महत्त्वपूर्ण विषयों का गहन प्रशिक्षण भी दिया गया। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं के बीच अनुभवों का आदान-प्रदान, उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग एवं जटिल अभियानों में संयुक्त संचालन क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
बता दें कि इससे पहले भारत और श्रीलंका की सेना ने रविवार को जहरीले सांपों से निपटने, मानसिक मजबूती, फिटनेस ड्रिल जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना किया था। इन चुनौतियों का सामना संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ के दौरान किया गया। यहां हो रही कठोर शारीरिक गतिविधियों और विविध सैन्य अभ्यासों ने न केवल सैनिकों की शारीरिक क्षमता, मानसिक मजबूती और परस्पर तालमेल को बढ़ाया, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को भी सुदृढ़ किया। यहां दोनों देशों के सैनिकों ने हाई-इंटेंसिटी फिटनेस ड्रिल, स्ट्रेचिंग, तथा योग सत्र भी किए हैं। सेना के मुताबिक इन गतिविधियों ने संयुक्त दलों के बीच बेहतर समन्वय, अनुशासन और टीम भावना को बढ़ावा दिया।