क्या भारत-जर्मनी संबंध स्थिर और महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं?: एस जयशंकर

Click to start listening
क्या भारत-जर्मनी संबंध स्थिर और महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं?: एस जयशंकर

सारांश

भारत और जर्मनी के बीच संबंधों की मजबूती पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। जर्मनी के साथ शिक्षा, रणनीतिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के मुद्दे पर चर्चा हुई। क्या ये संबंध भविष्य में और भी गहरे होंगे? जानिए इस लेख में।

Key Takeaways

  • भारत-जर्मनी संबंधों की गहराई बढ़ रही है।
  • शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर।
  • जर्मनी में सबसे अधिक विदेशी छात्र भारत से हैं।
  • जर्मनी के साथ सुरक्षा परिषद में सुधार पर काम।
  • अरिहा शाह के मामले में सांस्कृतिक पहचान की बात।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को भारत-जर्मनी संबंधों को "बेहद महत्वपूर्ण" बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते लगातार गहराई और महत्व में आगे बढ़ रहे हैं।

जर्मन समकक्ष जोहान वेडफुल के साथ दिल्ली में वार्ता के बाद मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत-जर्मनी संबंध "बहुत स्थिर" हैं और आज की अनिश्चित परिस्थितियों में इनकी अहमियत और बढ़ गई है।

उन्होंने कहा, "हमारे कई देशों के साथ रणनीतिक संबंध हैं और हर रिश्ते को आज की वैश्विक राजनीति के हिसाब से संभालना पड़ता है। जर्मनी न केवल यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश है बल्कि वैश्विक समीकरणों में भी हमारे लिए केंद्रीय महत्व रखता है। चाहे आर्थिक हो या राजनीतिक, हर पैमाने पर हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं। हम दोनों देश जी4 के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिए भी साथ काम कर रहे हैं।"

जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों में शिक्षा और गतिशीलता के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि जर्मनी में सबसे अधिक विदेशी छात्र अब भारत से हैं। साथ ही, दोनों देशों ने स्कूल और कॉलेज स्तर पर अल्पकालिक यात्राओं के लिए मुफ्त वीजा देने पर सहमति जताई है, ताकि छात्र आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल सके।

विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने अपने जर्मन समकक्ष के साथ भारतीय बच्ची अरिहा शाह के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा, "मैंने यह रेखांकित किया कि उसकी सांस्कृतिक पहचान सुनिश्चित होना जरूरी है और वह भारतीय माहौल में बड़ी हो। यह मामला और अधिक देर नहीं खिंचना चाहिए।"

गौरतलब है कि अरिहा शाह को सितंबर 2021 में जर्मनी के यूथ वेलफेयर ऑफिस की हिरासत में रखा गया था, जब सात महीने की उम्र में उसे एक हादसे में चोट लगी थी। तब से वह पालक देखभाल में है। भारत का लगातार कहना है कि बच्चे को उसकी भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में ही पाला जाना चाहिए।

Point of View

भारत-जर्मनी संबंधों की स्थिरता और महत्वपूर्णता अत्यंत आवश्यक है। वैश्विक राजनीति की अनिश्चितता के बीच, दोनों देशों के बीच उचित रणनीतिक सहयोग मिलकर एक स्थिरता की ओर ले जा सकता है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत-जर्मनी संबंधों का महत्व क्या है?
भारत और जर्मनी के संबंध वैश्विक राजनीति और आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण हैं, जो कि दोनों देशों की स्थिरता को बढ़ाता है।
विदेश मंत्री ने क्या कहा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-जर्मनी संबंध "बहुत स्थिर" हैं और इनकी अहमियत आज की अनिश्चित परिस्थितियों में बढ़ी है।