क्या भारत का एमएंडए मार्केट वैश्विक अनिश्चितता के बीच मजबूत बना रह सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का एमएंडए मार्केट वैश्विक अनिश्चितता के बीच मजबूत बना हुआ है।
- ग्लोबल डील वैल्यू में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- इंडस्ट्रियल सेक्टर में 77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
- एआई प्रक्रियाएं डीलमेकर्स के लिए महत्वपूर्ण हो रही हैं।
- भारत ने औसत से अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम को बनाए रखा है।
नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्लोबल डीलमेकिंग एक नए अनिश्चितता के दौर में खुद को ढालती जा रही है, लेकिन भारत का एमएंडए परिदृश्य लगातार मजबूती का प्रदर्शन कर रहा है, जो निवेशकों के देश की ग्रोथ फंडामेंटल में निरंतर विश्वास को दर्शाता है। यह जानकारी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष एक मुश्किल शुरुआत के बाद ग्लोबल एमएंडए मार्केट फिर से गति पकड़ रहा है। 2025 के पहले 9 महीनों में, ग्लोबल डील वैल्यू पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 1.9 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गई है। मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच यह रिकवरी अनुभवी डीलमेकर्स के कुछ चयनित समूह के अनुशासित, रणनीतिक बेट के कारण दर्ज की गई है।
बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर ध्रुव शाह ने कहा, "जहां एक ओर इस वर्ष 2025 में ग्लोबल डील वैल्यू में कुछ रिकवरी दर्ज की गई है, वहीं भारत ने महामारी के बाद की रिकवरी के बाद से औसत से अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम को बनाए रखने में सफलता पाई है।" ग्लोबल ट्रेंड अधिक डील वैल्यू और कम वॉल्यूम के साथ दिख रहा है, जबकि भारत ने डील एक्टिविटी में बढ़त और वैल्यू के लिए 3 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की है, जो सेक्टरों में एक हेल्दी मार्केट बदलाव को दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्रियल सेक्टर में ट्रांसपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रांजैक्शन की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में 77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, टेक्नोलॉजी, मीडिया एंड टेलीकम्युनिकेशन में 10 प्रतिशत, एनर्जी और हेल्थकेयर में 20-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, डील वैल्यू में मटेरियल में 16 प्रतिशत और कंज्यूमर सेक्टर में 17 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई प्रक्रियाओं को नया आकार देने, ड्यू डिजिलेंस को आसान बनाने और ट्रांजैक्शन एफिशिएंसी को बेहतर बनाते हुए डीलमेकर्स के लिए एक महत्वपूर्ण टूल बन रहा है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा से जुड़े लाभ इस पर निर्भर करेंगे कि डीलमेकर्स कितनी जल्दी और तेजी से अपने रोजाना के काम में एआई को इंटीग्रेट करते हैं।