क्या भारत की संस्कृति पर दुनिया फिदा है? : संजय सेठ

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क्या भारत की संस्कृति पर दुनिया फिदा है? : संजय सेठ

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा ने भारत की सांस्कृतिक ताकत को फिर से उजागर किया है। तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय शास्त्रीय कला का प्रदर्शन हुआ, जिसने वैश्विक दर्शकों का ध्यान खींचा। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • भारत की संस्कृति वैश्विक स्तर पर प्रसार कर रही है।
  • चीन यात्रा ने भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया।
  • भारत की सांस्कृतिक ताकत को मान्यता मिली है।
  • भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य ने सम्मेलन में मुख्य आकर्षण बनाया।
  • डेमोक्रेटिक भारत की युवा आबादी विकास का आधार है।

रांची, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में उनका भव्य स्वागत किया गया।

भारतीय समुदाय और चीनी कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य, जैसे कथक और भरतनाट्यम, के प्रदर्शन के साथ उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे भी लगाए गए। पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों का अभिवादन किया।

चीन यात्रा को रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा पर दुनिया की नजर बनी हुई है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने इस स्वागत को भारत की सांस्कृतिक ताकत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति, खान-पान, वेशभूषा और परंपराओं पर पूरी दुनिया फिदा है, और इसे वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी, लोकतंत्र, और आत्मनिर्भरता देश की प्रगति के तीन प्रमुख आधार हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी देश भारत की उपेक्षा करके या उसकी उदारता को नजरअंदाज करके प्रगति नहीं कर सकता।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा महत्वपूर्ण है। भारतीय पीएम की चीन यात्रा सात साल के अंतराल और गलवान में हुई झड़प के बाद हो रही है।

राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ मुलाकात के बाद, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ''शंघाई सहयोग संगठन, शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ एक सार्थक बैठक हुई। हमने कजान में हुई अपनी पिछली बैठक के बाद से भारत-चीन संबंधों में आई सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की। हम सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व पर सहमत हुए और आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।''

Point of View

बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का महत्व क्या है?
यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत की संस्कृति का वैश्विक स्तर पर क्या महत्व है?
भारत की संस्कृति, खान-पान, और परंपराएं विश्वभर में लोग पसंद करते हैं और इसे अपनाते हैं।
एससीओ शिखर सम्मेलन में कौन-कौन सी गतिविधियाँ हुईं?
इस सम्मेलन में भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया गया, जो भारत की सांस्कृतिक संपन्नता का प्रतीक है।