क्या भारत-मोजाम्बिक राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ पर नौसेना का स्क्वाड्रन मोजाम्बिक पहुंचा?

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क्या भारत-मोजाम्बिक राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ पर नौसेना का स्क्वाड्रन मोजाम्बिक पहुंचा?

सारांश

भारत और मोजाम्बिक के राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ पर भारतीय नौसेना का फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन मोजाम्बिक पहुंचा। इस यात्रा के दौरान कई सांस्कृतिक और सैन्य गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाएंगी।

Key Takeaways

  • भारतीय नौसेना का फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन मोजाम्बिक पहुंचा।
  • 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं।
  • संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियों का आयोजन होगा।
  • मोजाम्बिक के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
  • दौरा दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करेगा।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) भारत और मोजाम्बिक के राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस विशेष अवसर पर, भारतीय नौसेना का फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन मोजाम्बिक की राजधानी मापुटो में पहुंचा है। इस स्क्वाड्रन में आईएनएस तीर, आईएनएस शार्दूल और आईएनएस सुजाता जैसे समुद्री जहाज शामिल हैं, साथ ही भारतीय तटरक्षक जहाज सारथी भी इस बेड़े में है।

बुधवार को, भारतीय समुद्री जहाजों ने मोजाम्बिक में कई गतिविधियों और मुलाकातों में भाग लिया। भारतीय नौसेना के अनुसार, यह नौसैनिक बेड़ा 16 सितंबर को मोजाम्बिक पहुंचा था। यहाँ पहुंचने के बाद, कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस भारतीय समुद्री बेड़े का नेतृत्व कैप्टन टिजो के जोसेफ कर रहे हैं, और उनका गर्मजोशी से स्वागत मोजाम्बिक की नौसेना तथा मापुटो के रक्षा सलाहकार ने किया।

नौसेना का मानना है कि यह दौरा दोनों देशों के संबंधों की 50वीं वर्षगांठ (1975-2025) को और विशेषता प्रदान करता है। इस दौरान, भारत और मोजाम्बिक में संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। भारतीय नौसेना का यह समुद्री बेड़ा चार दिन की आधिकारिक यात्रा पर है। इस दौरे के दौरान, भारतीय और मोजाम्बिक नौसेना के बीच कई संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें गोताखोरी अभियान और आपातकालीन स्थिति जैसे अग्निशामक अभ्यास शामिल हैं।

दोनों देशों की नौसेनाएं साझा प्रशिक्षण, नौवहन और संचार प्रक्रियाओं पर क्रॉस-ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लेंगी। इसके अलावा, नौसेना के फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन के कैडेट मोजाम्बिक डिफेन्स फोर्सेज के विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों का दौरा करेंगे। इस संपर्क से दोनों नौसेनाओं के बीच बेहतर समझ और इंटरऑपरेबिलिटी को प्रोत्साहन मिलेगा। दौरे के अंत में, पैसेक्स और मोजाम्बिक के विशेष आर्थिक क्षेत्र की संयुक्त निगरानी की जाएगी, साथ ही उच्चस्तरीय मुलाकातों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

मापुटो प्रवास के दौरान, नौसेना के फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन के सीनियर ऑफिसर और जहाजों के कमांडिंग ऑफिसर मोजाम्बिक नौसेना प्रमुख, मापुटो के मेयर और भारत के उच्चायुक्त से शिष्टाचार भेंट करेंगे। सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ कई सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जिनमें योग सत्र, सामुदायिक संपर्क एवं चिकित्सा शिविर शामिल हैं। भारतीय नौसेना का यह दौरा दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग का प्रमाण है। यह यात्रा भारत के महासागर विजन की भावना के तहत भारत और मोजाम्बिक के बीच मित्रता और साझेदारी को और मजबूत करेगी।

Point of View

बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय नौसेना का फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन कब मोजाम्बिक पहुंचा?
भारतीय नौसेना का फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन 16 सितंबर को मोजाम्बिक पहुंचा।
इस दौरे का उद्देश्य क्या है?
इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करना और संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियों का आयोजन करना है।
इस यात्रा में कौन से जहाज शामिल हैं?
इस फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन में आईएनएस तीर, आईएनएस शार्दूल, आईएनएस सुजाता और तटरक्षक जहाज सारथी शामिल हैं।
क्या गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी?
इस दौरान गोताखोरी अभियान, अग्निशामक अभ्यास और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस यात्रा का महत्व क्या है?
यह यात्रा भारत और मोजाम्बिक के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग और मित्रता का प्रतीक है।