क्या अमेरिकी टैरिफ का भारत पर प्रभाव केवल जीडीपी का 0.19 प्रतिशत रहेगा?

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क्या अमेरिकी टैरिफ का भारत पर प्रभाव केवल जीडीपी का 0.19 प्रतिशत रहेगा?

सारांश

भारत की अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव मात्र 0.19 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जानें कैसे यह चुनौती भारतीय व्यवसायों के लिए अवसर में बदल सकती है। पीएचडीसीसीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह टैरिफ अमेरिका के साथ व्यापार में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।

Key Takeaways

  • अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव केवल 0.19 प्रतिशत होगा।
  • भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होगा।
  • पीएचडीसीसीआई ने चार-आयामी रणनीति का सुझाव दिया है।
  • भारत की जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत है।
  • बाजार विविधीकरण के अवसर मौजूद हैं।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रस्तावित अमेरिकी टैरिफ का भारत पर प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था का 0.19 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इसे आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। यह जानकारी पीएचडीसीसीआई द्वारा बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।

इंडस्ट्री थिंक टैंक पीएचडीसीसीआई ने कहा कि इस टैरिफ के कारण अमेरिका को होने वाले लगभग 8.1 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हमारे विश्लेषण के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ के चलते भारत के वैश्विक व्यापारिक निर्यात का केवल 1.87 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित होगा, जो कि देश के सकल घरेलू उत्पाद का 0.19 प्रतिशत है।

भारतीय आयातों पर अमेरिका का 25 प्रतिशत टैरिफ 7 अगस्त से लागू होने जा रहा है। पीएचडीसीसीआई ने अनुमान लगाया है कि ये टैरिफ इंजीनियरिंग सामान (1.8 बिलियन डॉलर), इलेक्ट्रॉनिक सामान (1.4 बिलियन डॉलर), फार्मास्यूटिकल्स (986 मिलियन डॉलर), रत्न एवं आभूषण (932 मिलियन डॉलर) और रेडी-मेट गारमेंट्स (500 मिलियन डॉलर) के निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं।

इंडस्ट्री चैंबर ने टैरिफ के प्रभाव से निपटने के लिए एक चार-आयामी रणनीति का सुझाव दिया है। इसमें प्रमुख अमेरिकी खुदरा विक्रेताओं के साथ बातचीत करके बंडल मूल्य निर्धारण के माध्यम से अमेरिकी बाजारों में प्रवेश का सुझाव दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "मांग को स्थिर करने के लिए प्रवासी नेटवर्क का लाभ उठाएं और दीर्घकालिक ऑफटेक समझौते सुनिश्चित करें, प्रीमियम निर्यात वेरिएंट विकसित करें और कस्टम विनिर्देशों पर अमेरिकी खरीदारों के साथ मिलकर काम करें।"

इंडस्ट्री चैंबर ने हाल ही में संपन्न एफटीए का लाभ उठाते हुए यूरोपीय संघ, कनाडा और लैटिन अमेरिका को निर्यात पुनर्निर्देशित करने का भी अनुरोध किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद के कारण भारतीय आयातों पर एक अतिरिक्त जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है।

अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत 6.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि (आईएमएफ जुलाई 2025 पूर्वानुमान) के साथ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

पीएचडीसीसीआई के सीईओ एसजी रंजीत मेहता ने कहा, "हालांकि 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ चुनौतियां पेश करता है, लेकिन भारत की मजबूत घरेलू मांग और विविध अर्थव्यवस्था लचीलापन प्रदान करती है। हमारा विश्लेषण दर्शाता है कि प्रभाव वृहद स्तर पर प्रबंधनीय बना हुआ है। यह भारतीय व्यवसायों के लिए बाजार विविधीकरण और मूल्यवर्धन रणनीतियों को तेज करने का अवसर प्रदान करता है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि अमेरिकी टैरिफ चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन भारत की मजबूत घरेलू मांग और विविध अर्थव्यवस्था इसे प्रबंधनीय बनाते हैं। यह भारतीय व्यवसायों के लिए अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर विविधता लाने का अवसर प्रदान करता है।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिकी टैरिफ का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था का केवल 0.19 प्रतिशत होगा, जो प्रबंधनीय है।
पीएचडीसीसीआई ने इस विषय पर क्या कहा है?
पीएचडीसीसीआई ने कहा है कि अमेरिकी टैरिफ से लगभग 8.1 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा।