क्या पश्चिम बंगाल में एसआईआर के पहले चरण में 1.10 करोड़ गणना फॉर्म वितरित हुए?
सारांश
Key Takeaways
- 1.10 करोड़ गणना फॉर्म का वितरण हुआ है।
- एसआईआर प्रक्रिया मार्च 2026 तक समाप्त होगी।
- मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
- मतदाता केवल दो दस्तावेज़ों के माध्यम से ही अपना नाम सुनिश्चित कर सकते हैं।
- आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में जोड़ा गया है।
कोलकाता, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में मंगलवार से प्रारंभ हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण में व्यापक जनसहयोग देखने को मिला। इस प्रक्रिया के पहले चरण में पहले दो दिनों में राज्य में मतदाताओं को 1.10 करोड़ गणना फॉर्म वितरित किए गए हैं। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने त्रि-स्तरीय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का आरंभ किया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के उच्च अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह से बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) ने घर-घर जाकर गणना फॉर्म वितरित करने में जुटे हुए थे, और बुधवार रात 8 बजे तक यह संख्या 1.10 करोड़ को पार कर गई। अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में एसआईआर से संबंधित सभी गतिविधियाँ सुचारू रूप से और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रही हैं।
चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर 2025 तक राज्य की मतदाता सूची में शामिल 7,66,37,529 मतदाताओं के लिए एसआईआर प्रक्रिया शुरू की है। जिन मतदाताओं के नाम पहले से 2002 की अंतिम गहन पुनरीक्षित सूची में हैं, उन्हें केवल गणना प्रपत्र भरकर जमा करना होगा। इन मतदाताओं को नाम बनाए रखने के लिए कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं, जिन मतदाताओं के या उनके माता-पिता के नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 दस्तावेजों में से किसी एक की प्रति जमा करनी होगी। इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश के अनुसार आधार कार्ड को भी 12वें दस्तावेज के रूप में जोड़ा गया है। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट किया है कि केवल आधार कार्ड पर्याप्त नहीं होगा। मतदाता को आयोग द्वारा निर्धारित अन्य 11 दस्तावेजों में से एक और दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा।
आयोग के सूत्रों के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगी। इस प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को सही और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।